कोलकाता: कोलकाता के जादवपुर इलाके में आरजी कर हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 'भारत विरोधी' नारे लगाए जाने का मामला सामने आया है। इस विरोध मार्च के दौरान 'कश्मीर मांगे आजादी' जैसे नारे सुने गए, जिससे माहौल गरमा गया। इस घटना के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, लेकिन अब मामले ने नया मोड़ ले लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय, जो गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में है, ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को जांच के आदेश दिए हैं।
इस मामले पर शुरुआती रिपोर्ट दिल्ली भेजी गई है, जिसमें प्रदर्शन के आयोजकों, नारे लगाने वालों के संबंध और इस घटना के पीछे की संभावित साजिश के बारे में जानकारी शामिल है। यह विरोध मार्च आरजी कर हॉस्पिटल की पीड़िता को न्याय दिलाने के उद्देश्य से निकाला गया था। हालांकि, अलग-अलग बैनरों के साथ विरोध कर रहे लोग अचानक से 'कश्मीर मांगे आजादी' जैसे नारे लगाने लगे। इन नारों के चलते कोलकाता पुलिस ने पाटुली थाने में देशद्रोह का मामला दर्ज किया। बताया जा रहा है कि करीब 15-20 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिनकी जानकारी और फोटो केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई है। इनमें से कुछ लोग जादवपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं, जिन पर पहले भी देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे हैं।
गृह मंत्रालय को संदेह है कि इन नारों के पीछे किसी बड़ी साजिश का हाथ हो सकता है, खासकर जब कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35A हटने के बाद पहली बार चुनाव हो रहे हैं। सरकार इस घटना को गंभीरता से लेकर जांच कर रही है कि क्या इन नारों का संबंध कश्मीर में सक्रिय किसी संगठन से है। इसके अलावा, हाल ही में बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल पर विशेष नजर बनाए हुए है और किसी भी देशविरोधी गतिविधि को बढ़ावा देने का कोई मौका नहीं देना चाहती।
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