नई दिल्लीः अर्शव्यव्स्था में चल रही मंदी की सबसे तगड़ी मार वाहन उद्योग पर पड़ी है। देश का वाहन उद्योग चाहे वह पैसेंजर ,व्यवसायिक अथवा टूवीलर हो सभी मंदी के चपेट में हैं। वाहन क्षेत्र बिक्री में भारी गिरावट का सामना कर रहा है। वाहन उद्योग से जुड़े दिग्गजों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक की और उनका ध्यान उद्योग की चुनौतियों की ओर आकर्षित किया। इसमें वाहन क्षेत्र में नौकरियों पर लटक रही तलवार भी शामिल हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने केंद्र सरकार से जीएसटी घटाने समेत क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन पैकेज देने की मांग की है।
वित्त मंत्री से मिलने वालों में मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव, महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष (वाहन क्षेत्र) और सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा समेत कलपुर्जे क्षेत्र के संगठन एसीएमए और डीलरों के संगठन एफएडीए के प्रतिनिधि शामिल हैं। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने एक न्युज एजेंसी को कहा, 'हां, हमने वाहन क्षेत्र के लिए कुछ रियायत की मांग की है और उन्होंने इस पर विचार किया है। मुझे आशा है कि वाहन क्षेत्र के लिए राहत पैकेज शीघ्र दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सरकार उद्योग से जुड़े लोगों से मांग में गिरावट की वजह और इस दिक्कत के समाधान के बारे में जानना चाहती है। राजन वढेरा ने बताया कि बैठक के दौरान वाहन उद्योग ने उन कारकों के बारे में विस्तार से कहा , जिनकी वजह से मांग प्रभावित हुई है। इनमें सस्ते कर्ज की उपलब्धता से जुड़ी दिक्कत, वाहनों के अधिग्रहण की बढ़ती लागत और वाणिज्यिक वाहनों की लोड क्षमता में परिवर्तन शामिल है। पिछले कई दिनों से कई वाहन कंपनियों ने छंटनी का ऐलान किया है।
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