नई दिल्लीः देश में चल रही मंदी की आंच अब हीरा उद्योग तक पहुंच गई है। देश के कई उद्योग अभी मंदी के गिरफ्त में हैं। बड़े पैमाने पर इन उद्योगों में नौकरियां खय़त्म हो रही है। अब इसके जद में हीरा उद्योग है। देश में गुजरात हीरा उद्योग का गढ़ माना जाता है। बीते कुछ महीनों में 60 हजार लोगों के पास नौकरी नहीं है। 40 फीसदी फैक्ट्रियों ने अपने शटर को गिरा दिया है, जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। फिलहाल 15 फीसदी लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूरत को गुजरात में हीरा कारोबार का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता है। यहां के कारोबारियों के मुताबिक नवंबर 2016 के बाद से स्थितियां काफी मुश्किल होना शुरू हो गई थीं। नवंबर 2016 में नोटबंदी, उसके बाद जुलाई 2017 में जीएसटी और फरवरी 2018 में नीरव मोदी, मेहुल चौकसी द्वारा किए गए पीएनबी घोटाले ने कारोबार की कमर पूरी तरह से तोड़ दी है। सूरत के अलावा अमरेली और भावनगर में भी हीरे की कटिंग और पॉलिशिंग का कारोबार होता है। भारतीय हीरे की मांग पूरे विश्व में कम होती जा रही है।
चीन में 20 फीसदी, खाड़ी देशों और यूरोप व अमेरिका में भी भारतीय हीरों की मांग में कमी देखने को मिली है। कट पोलिश हीरे का निर्यात जुलाई में 18.15 फीसदी घट गया है। वहीं पिछले साल के मुकाबले वित्त वर्ष की शुरुआत के चार महीनों में 15.11 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। बता दें कि हीरे के कारोबार में 20 लाख लोग जुड़े हुए हैं, जिसमें से आठ लाख लोग केवल हीरे की कटिंग और पॉलिशिंग करते हैं। सरकार पर इस मंदी से निपटने का भयानक दवाब है।
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