नई दिल्ली : हाल ही में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे चुके कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और यूपीए सरकार में विदेश मंत्री रहे एसएम कृष्णा ने प्रेस वार्ता में कहा कि उम्र का हवाला देकर जिस तरह कांग्रेस ने दरकिनार किया उससे उन्हें दुःख हुआ.
अपनी व्यथा करते हुए कृष्णा ने कहा कि कांग्रेस को इन दिनों नेताओं की नहीं सिर्फ मैनेजरों की जरूरत है जो स्थिति संभाल सके . उम्र सिर्फ एक मनोदशा है और इस कारण यह स्थिति जानने का मापदंड नहीं होना चाहिए.इंदिरा गाँधी के जमाने से कांग्रेस में रहे कृष्णा की पार्टी में उपेक्षा हो रही थी जिससे वे दुखी थे.कृष्णा इस बात से खफा भी थे और पिछले दो साल से पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे थे.
उल्लेखनीय है कि कृष्णा ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की बात कहकर और उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से मुक्त करने की मांग की है.कांग्रेस में पांच दशक से ज्यादा वक्त बिता चुके 84 वर्षीय एसएम कृष्णा पहली बार 1968 में मांड्या से सांसद चुने गए थे. वह इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह कैबिनेट में मंत्री रहने के अलावा महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे. 1999 में उन्होंने कांग्रेस को कर्नाटक में जीत की दहलीज पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई और 2004 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे.
कर्नाटक के मंत्री और महिला कांग्रेस प्रमुख के यहां मिला 162 करोड़ का काला धन
कांग्रेस को बड़ा झटका : पूर्व कर्नाटक सीएम और केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा ने छोड़ा कांग्रेस का साथ