जबलपुर। एनडीपीएस एक्ट की सख्त सज़ा से बचने के लिए चरस, गांजा, अफीम और स्मैक की बजाय नशीले इंजेक्शंस को बेचना शुरू कर दिया गया है। बीते एक साल में जबलपुर पुलिस ने 48 अपराधियों को गिरफ्तार किया है, और उनके पास से तकरीबन 8 हजार से ज्यादा नशीले इंजेक्शंस बरामद किये गए है। पुलिस का मानना है कि, यह एक चैन है जिसे पुलिस तोड़ने की कोशिश कर रही है। चरस, गांजा, शराब, अफीम और स्मैक यह सभी अब नशा करने वालो और करवाने वालो, दोनों के लिए ही ओल्ड फैशन हो गए है, जिसके चलते अब इन लोगो ने नशा करने के लिए नए तरीके को ढूंढ निकाला है।
चरस, गांजा, शराब, अफीम और स्मैक इन सभी प्रकार की तस्करी करते हुए पकड़े जाने पर तस्करो को एनडीपीएस एक्ट के तहत उम्र कैद की सज़ा भी मिल सकती है, जिससे बचने के लिए अब नशीले इंजेक्शंस की तस्करी की जा रही है, क्योंकि इंजेक्शन में नार्कोटिक सब्सटेंस नहीं होने के कारण एनडीपीएस एक्ट की धाराएं नहीं लगाई जा सकती। मध्यप्रदेश के जबलपुर और कई जिलों में नशे का कारोबार बेहद तेजी से बढ़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक जबलपुर पुलिस पिछले 1 साल में तस्करों के खिलाफ 32 बड़ी कार्यवाई कर चुकी है जिसके चलते, 48 आरोपी पकड़े गए है और पुलिस ने उन सभी से तकरीबन 8 हजार से ज्यादा के नशीले इंजेक्शंस बरामद किये है। अब नशा करने के लिए प्रतिबंधित दवाओं वाले नशीले इंजेक्शनो का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि पुलिस भी अपनी पूरी कोशिश में जुटी हुई है कि, इस नशे की चैन को तोड़ा जा सके।
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