कोबरा जैसे खतरनाक और विषैले सांप को खाने के बारे में सोचकर ही लोगों को हैरानी होती है, लेकिन चीन और इंडोनेशिया जैसे देशों में कोबरा को खाना एक पुरानी परंपरा है। आइए जानते हैं कि आखिर इन देशों में लोग कोबरा को क्यों और कैसे खाते हैं।
कोबरा खाने की परंपरा: चीन में कोबरा को पारंपरिक चिकित्सा का अहम हिस्सा माना जाता है। यहां के लोग विश्वास करते हैं कि कोबरा के मांस और उसके जहर में कई स्वास्थ्य लाभ छिपे होते हैं। कोबरा का मांस प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो शरीर के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।
कैसे परोसा जाता है कोबरा?: चीन में कोबरा को सूप, स्टर-फ्राई या भुने हुए रूप में खाया जाता है। यहां के लोग इसे ताकत बढ़ाने वाले भोजन के रूप में देखते हैं। इसके अलावा, कोबरा के जहर को भी दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
चिकित्सीय उपयोग: चीन की पारंपरिक चिकित्सा में कोबरा का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में होता है। लोग मानते हैं कि इससे हृदय रोग, अस्थमा और अन्य शारीरिक समस्याओं का इलाज किया जा सकता है। साथ ही, इसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मददगार माना जाता है।
इंडोनेशिया में कोबरा खाना: इंडोनेशिया में भी कोबरा को खाने की परंपरा काफी पुरानी है। यहां के लोग खास मौकों और त्योहारों पर कोबरा का मांस खाते हैं। इसे आमतौर पर ग्रिल, स्टर-फ्राई या साशिमी (कच्चा मांस) के रूप में परोसा जाता है। इंडोनेशिया में कोबरा को खास मसालों के साथ पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद और बढ़ जाता है।
शक्ति और साहस का प्रतीक: चीन और इंडोनेशिया दोनों जगहों पर कोबरा को शक्ति और वीरता का प्रतीक माना जाता है। यहां इसे खाने का मतलब साहस और ताकत का प्रदर्शन है। कुछ स्थानों पर धार्मिक अनुष्ठानों में भी कोबरा का मांस शामिल होता है, जिससे इसे और भी खास माना जाता है। इस तरह चीन और इंडोनेशिया में कोबरा का मांस खाने की परंपरा सदियों पुरानी है और यह न सिर्फ खाने का हिस्सा है, बल्कि इसे स्वास्थ्य और धार्मिक महत्व भी दिया जाता है।
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