लखनऊ: संभल हिंसा में पांच लोगों की मौत के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। रविवार को हुई इस घटना को लेकर पुलिस की एफआईआर सामने आई है, जिसमें इसे सुनियोजित साजिश बताया गया है। एफआईआर के मुताबिक, मुस्लिम भीड़ को उकसाया गया और पुलिस पर हमला किया गया। भीड़ ने पुलिस के हथियार, टियर गन और कारतूस लूट लिए और जान से मारने की नीयत से फायरिंग की।
अब तक इस मामले में सात एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें संभल से सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल का नाम भी शामिल है। एफआईआर के अनुसार, मस्जिद के सर्वे के बाद पुलिस टीम वापस लौट रही थी, तभी भीड़ जमा हो गई। इलाके में धारा 144 लागू होने के बावजूद मुस्लिम भीड़ ने बयानबाजी की। एफआईआर में बताया गया है कि भीड़ में लगभग 50 लोग थे, जिन्होंने हसन, अजीम, सलीम, रिहान, वसीम और अयान का नाम लेकर कहा, "पुलिसवालों से उनके हथियार छीन लो और आग लगाकर मार डालो। कोई भी बचकर नहीं जाना चाहिए।" जिसके बाद भीड़ ने चिल्लाते हुए कहा, "हम मस्जिद का सर्वे नहीं होने देंगे, मस्जिद हमारी है।" एफआईआर में यह भी कहा गया है कि दरोगा की पिस्टल और मैगजीन लूटने का प्रयास किया गया, जिसमें 10 बुलेट थीं।
पुलिस ने आरोप लगाया कि वीरेंद्र कुमार, विनेश कुमार, पुष्पेंद्र कुमार, सन्नी और अक्षय त्यागी ने भीड़ को समझाने का प्रयास किया, लेकिन गुलबद्दुदीन, सुल्तान आरिफ, हसन, मुन्ना, फैजान और समद समेत अन्य अज्ञात लोगों ने ईंट-पत्थरों और लाठी-डंडों से हमला कर दिया। सरकारी अपाचे बाइक में भी आग लगा दी गई। घटना के बाद राजनीति भी गरमा गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सपा सांसद पर एफआईआर दर्ज होने पर नाराजगी जताई और बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वे इस मामले की जांच के लिए संभल जाएंगे।
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