लखनऊ: नोएडा के दादरी क्षेत्र में पुलिस ने 9 नवंबर 2024 को 185 टन गोमांस बरामद किया, जिससे एक बड़े तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। यह मांस पश्चिम बंगाल में गायों को काटकर तैयार किया जाता था और फिर कंटेनरों में नोएडा लाकर एक कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता था। यहां से इसे दिल्ली-एनसीआर और उत्तराखंड में सप्लाई किया जाता था।
पुलिस ने दावा किया कि 185 टन मांस पकड़ा गया, जबकि गो रक्षा हिंदू दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेद नागर ने इसे 250 टन बताया। नागर के अनुसार, यह सूचना उन्हें मेवात के गोरक्षा दलों से मिली थी। लोनी के भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि इतनी बड़ी खेप से अनुमान है कि 8,000 से अधिक गायों को मारा गया होगा। उन्होंने मामले में कुछ अधिकारियों पर मिलीभगत और लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। गोरक्षा संगठन के सदस्यों को सूचना मिली कि पश्चिम बंगाल से गोमांस आ रहा है। उन्होंने एक हरियाणा नंबर वाले ट्रक (HR 38 AE 9185) को रोका और उसमें मांस पाया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मांस के नमूने लिए और जांच के बाद इसे गोमांस पाया गया। ट्रक चालक शिव शंकर और खलासी सचिन को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि मांस पश्चिम बंगाल से हबीबर मुल्ला से खरीदा गया था और इसे नगला किरानी गांव स्थित SPJ कोल्ड स्टोरेज में ले जाया जा रहा था।
पुलिस ने कोल्ड स्टोरेज को सील कर दिया और मालिक पूरन जोशी, डायरेक्टर मोहम्मद खुर्शिदुन नबी और मैनेजर अक्षय सक्सेना को गिरफ्तार किया। जांच में टोरो प्राइमरी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के स्टाफ अविनाश कुमार, राकेश सिंह और शोएब हकानी की भी संलिप्तता पाई गई। इन तीनों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि 153 टन गोमांस कोल्ड स्टोरेज के चैंबर नंबर 5 में रखा गया था और बाकी मांस कंटेनर से बरामद हुआ। इसकी कीमत करीब 4 करोड़ रुपये बताई गई। मांस बोनलेस था और इसे हलाल के तौर-तरीकों से काटा गया था।
गोरक्षा दलों का कहना है कि यह भारत में गोमांस की अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी है। नागर ने आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कोल्ड स्टोरेज पर बुलडोजर चलाने की भी बात कही और कार्रवाई न होने पर हिंदू महापंचायत बुलाने की चेतावनी दी। भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने आरोप लगाया कि कुछ उच्च अधिकारी इस तस्करी में शामिल हो सकते हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले की जानकारी देने का आश्वासन दिया। साथ ही, उन्होंने प्रशासन को तस्करी रोकने में नाकाम बताते हुए इसे शर्मनाक बताया।
पुलिस ने मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 325, 318 (4), 61 (2), और गौवध अधिनियम के तहत कार्रवाई की है। बरामद गोमांस को सुरक्षित रखने के बाद नियमानुसार नष्ट कर दिया गया है। मामले की जांच अभी जारी है।
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