सलमान खान के साथ "लकी: नो टाइम फॉर लव" में डेब्यू करने वाली अभिनेत्री स्नेहा उल्लाल चार साल से गंभीर ऑटोइम्यून डिसऑर्डर से जूझ रही हैं। ऐश्वर्या राय बच्चन से उनकी समानता के कारण उनकी तुलना की जाती थी, लेकिन अपनी पहली फिल्म के बाद वह लाइमलाइट से गायब हो गई थीं। वह एक दशक बाद "इश्क बाजवां" के साथ पर्दे पर लौटीं, लेकिन फिल्म कुछ खास कमाल नहीं कर पाई।
हाल ही में एक साक्षात्कार में स्नेहा ने बताया कि वह ऑटोइम्यून डिसऑर्डर से पीड़ित हैं, जो रक्त से संबंधित बीमारी है, जिसके कारण वह कमज़ोर हो गई हैं और आधे घंटे से ज़्यादा खड़ी नहीं रह पाती हैं। यह डिसऑर्डर प्रतिरक्षा प्रणाली और स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित करता है, जिसके कारण स्नेहा को जोड़ों में दर्द, पाचन संबंधी समस्याएँ और आंतरिक अंगों में सूजन का सामना करना पड़ा। वह बुखार और तंत्रिका क्षति से भी पीड़ित थीं।
स्नेहा की रिकवरी की यात्रा लंबी और चुनौतीपूर्ण थी। अपनी ताकत वापस पाने के लिए उन्होंने दवा, स्वस्थ भोजन, जिमिंग, जॉगिंग और तैराकी पर भरोसा किया। चार साल तक इस बीमारी से जूझने के बाद, स्नेहा आखिरकार ठीक हो गई और अब फिर से कैमरे का सामना करने के लिए तैयार है।
स्वप्रतिरक्षी विकार: एक मूक हत्यारा
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर एक कम ज्ञात बीमारी है जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी सालों तक पता नहीं चल पाती है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली और स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुँचता है। यह विकार तब होता है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही कोशिकाओं पर हमला करती है, जिससे सूजन, तंत्रिका क्षति और पाचन संबंधी समस्याएँ होती हैं।
ऑटोइम्यून विकार के लक्षण
- यह बीमारी सालों तक पता नहीं चल पाती
- जोड़ों में दर्द और सूजन
- तंत्रिका क्षति
- पाचन संबंधी समस्याएं
- आंतरिक अंगों में सूजन
- बुखार
स्नेहा की कहानी उनके साहस और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। ऑटोइम्यून डिसऑर्डर से उनकी लड़ाई कई लोगों के लिए प्रेरणा है, और उनका ठीक होना हमें याद दिलाता है कि सही उपचार और जीवनशैली में बदलाव के साथ, सबसे चुनौतीपूर्ण स्वास्थ्य समस्याओं पर भी काबू पाना संभव है।
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