26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. यानी इस दिन हमारा संविधान लागू किया गया था. सन् 1950 में इस संविधान को लागू हुआ था. तबसे प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को दिल्ली के इंडिया गेट पर एक खास कार्यक्रम आयोजित करते है. जिसमें परेड के साथ मन मोह लेने वाली झांकिया भी देखने को मिलती है. तरह तरह के करतब होते हैं देश का पहला नागरिक यानी देश का राष्ट्रपति इस परेड की सलामी लेता है.
संविधान है क्या और ये ज़रूरी क्यों होता है?: हम बता दें कि किसी भी सभ्य चीज़ों के संचालन के लिए कुछ रूल्स और कानूनों की आवश्यकता होती है. जिसे उस समाज में रहने वाले सभी लोगों को मानना अनिवार्य होता है. देश को चलाने के लिए भी नियम और कानून की आवश्यकता होती है जिसे मानना देश के हर नागरिकों को ज़रूरी होता है. देश के इसी नियम और कानून को संविधान के नाम से जाना जाता है जो एक तरह से किसी भी देश के नियम और कानून का दस्तावेज होता है. जंहा इस बात का पता चला है कि देश में बहुत कुछ उसी दस्तावेज में लिखे गए नियमों के मुताबिक ही चलता है. अगर किसी भी देश में ऐसे रूल्स और कानून न बनाएं जाएं तो वहां की शासन प्रणाली मनमर्जी निर्णय करने लगेगी और वो तानाशाही रवैया अपनाएगी और लोकतंत्र नाम की कोई जगह नहीं रह जाएगी.
यह बात तो सभी जानते होंगे की 15 अगस्त 1947 की आधी रात को हिंदुस्तान आजाद हो गया था, आजादी मिलते ही देश को चलाने के लिए हिन्दुस्तान ने अपना एक अलग संविधान बनाना शुरू कर दिया था. हालांकि संविधान सभा का गठन पहले ही हो गया था और 9 दिसंबर 1946 से ही भारत के संविधान पर कार्य किया जा रहा था, लेकिन 29 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान बनाने के लिए एक समिति का गठन किया जा चुका था और इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया डॅा. भीमराव अंबेडकर को. संविधान बनाने वाली समिति ने पूरे विश्व के संविधानों को बारीकी से पढ़ा और फिर अपना संविधान तैयार किया. इस समिति ने 26 नवंबर 1949 यानी ठीक 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिनों का वक़्त लिया और संविधान तैयार करके संविधान सभा को सौंप दिया, संविधान सभा ने उसी दिन इस संविधान को अपना लिया. इसी दिन को संविधान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.
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