केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि दिशा-निर्देशों के अनुसार अगर किसी महिला को "नग्न या मॉर्फ्ड तस्वीरों" के माध्यम से ऑब्जेक्टिफाई किया जाता है, तो सोशल मीडिया कंपनी को इसे 24 घंटे के भीतर हटाना होगा। मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान जवाब देते हुए यह बात कही।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में इंटरनेट साम्राज्यवाद अस्वीकार्य था और सरकार इस पर एकाधिकार नहीं होने देगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि देश में चुनावों को प्रभावित करने का कोई खतरा नहीं है क्योंकि मंत्रालय चुनाव आयोग के साथ मिलकर काम कर रहा था। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कोई भी सामग्री जो भारत विरोधी है या सार्वजनिक निर्देशों को गड़बड़ी करती है, उसे नए दिशानिर्देशों के अनुसार 36 घंटे के भीतर हटा दिया जाना चाहिए, जबकि सोशल मीडिया कंपनियों को उपयोगकर्ताओं को सत्यापित करने के लिए कहा गया है ताकि कोई भी फर्जी खबर न फैले या नफरत वाली सामग्री पोस्ट न हो।
उन्होंने कहा कि यह स्वैच्छिक होगा और सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है। मंत्री ने कहा कि सरकार आलोचना के लिए खुली थी और इस पर कोई प्रतिबंध नहीं था। कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने मंत्री से पूछा कि अगर प्रोफाइल फर्जी है तो यूजर की पहचान कैसे होगी तो मंत्री ने कहा, जिम्मेदारी कंपनी की थी।
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