नई दिल्ली: पंजाब के अमृतसर शहर में जलियांवाला बाग (Jallianwala Bagh) के पुनर्निर्माण को लेकर सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ आक्रोश और आलोचना की लहर फैल गई. अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मामले पर केंद्र पर हमला बोलते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अपने एक ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'जलियाँवाला बाग के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता. मैं एक शहीद का बेटा हूँ- शहीदों का अपमान किसी क़ीमत पर सहन नहीं करूँगा. हम इस अभद्र क्रूरता के ख़िलाफ़ हैं.'
जलियाँवाला बाग़ के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 31, 2021
मैं एक शहीद का बेटा हूँ- शहीदों का अपमान किसी क़ीमत पर सहन नहीं करूँगा।
हम इस अभद्र क्रूरता के ख़िलाफ़ हैं। pic.twitter.com/3tWgsqc7Lx
दरअसल भारत के इतिहास में दर्ज एक काले अध्याय के रूप में जाना जाने वाला जलियांवाला बाग का पुनर्निर्माण किया गया है. बता दें कि जलियांवाला बाग नए रंग-रूप के साथ लगभग डेढ़ साल बाद खोला गया है. 28 अगस्त की शाम ही पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका वर्चुअल उद्घाटन किया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस रेनोवेशन में 20 करोड़ खर्च किए गए है और जलियावाला बाग को नया बना दिया गया है. वहीं राहुल गांधी के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूज़र्स की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, कुछ इसमें राहुल की खिंचाई कर रहे हैं तो कुछ लोग उनका समर्थन भी कर रहे हैं.
बिट्टू भार्गव नामक एक यूज़र ने इसपर कमेंट करते हुए कहा है कि, 'राहुल अपनी सत्ता की हवस के लिए जनता की दुश्मन बन गए है. जिस केरल से राहुल गांधी सांसद हैं वहां कोरोना हो गया है बेकाबू. लेकिन राहुल गांधी ने एक शब्द नही कहा! और गन्दी राजनीति के वंशज राहुल गांधी यूपी को लेकर तो बहुत शोर मचा रहे थे.'
कांग्रेस और कम्युनिस्ट इतिहासकारों ने हमारे इतिहास के उस गौरवशाली सत्य , तथ्य और कथ्य को हमारी दृष्टि से ओझल करने का हर संभव प्रयास किया है जिससे हमारे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बल मिलता. चाहे वीर सावरकर हो या महान महाराणा प्रताप। ये तो सिर्फ गांधी परिवार की शहादत को जानते हैं।
— Rashmi Yadav (@rashmispeaks21) August 31, 2021
वहीं धनंजय तिवारी नामक एक अन्य यूज़र ने कमेंट में लिखा है कि, शहीद किसे कहते हैं आपको पता है? शहीद वो होते हैं जो देश के लिए लड़ते हुए मरते हैं. किसी दुर्घटना में मरने वालों को शहीद नहीं कहते हैं. आपके पिताजी की हत्या हुई आपसे मुझे पूरी सहानुभूति है. पर आपकी अम्मा ने उनके हत्यारों को क्यों माफ किया ये साजिश मेरी समझ में आजतक नहीं आई '
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