नई दिल्ली: देश में राष्ट्रपति पद के चुनाव की घोषणा होने के साथ ही Twitter पर अगला राष्ट्रपति कौन होगा, इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इस बीच एक नाम जो सर्वाधिक चर्चा में है, वह है केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान का। आरिफ मोहम्मद खान को ट्रेंड करा रहे सोशल मीडिया यूज़र्स का कहना है कि वे ही देश के अगले राष्ट्रपति के लिए सबसे उपयुक्त दावेदार हैं।
Candidate for the Post of President of India ???????? Arif Mohammad Khan. Intelligent, Good Orator, Ultra Nationalist, Respect Other Dharma , Experienced #PresidentialElection #PresidentialElection2022 #President https://t.co/mKXqe01sgb
— Saikiran Gupta ???????? (@gupta_saikiran) June 9, 2022
साई किरन गुप्ता नामक एक यूजर ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अगले राष्ट्रपति बनते देखने कि इच्छा व्यक्त करते हुए कहा है कि, 'भारत के राष्ट्रपति पद के योग्य प्रत्याशी आरिफ मोहम्मद खान हैं। बुद्धिमान, अच्छे वक्ता, अति राष्ट्रवादी, अन्य धर्मों का सम्मान करने वाला होने के साथ ही वो अनुभवी भी हैं।' सुतार्पण बनर्जी ने भी देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में आरिफ खान को ही अपनी पसंद बताया है। यूजर ने कहा कि केरल के राज्यपाल राजनीति और धर्म को अच्छे से समझते हैं और राष्ट्र को धर्म से उपर रखते हैं।वहीं, देश के EX-मुस्लिम (इस्लाम त्यागने वाले) भी आरिफ मोहम्मद को राष्ट्रपति बनाने के पक्ष में हैं।
Our new President of India might be him. He his hindu by culture. He supports culturally single identity in India. #President #PresidentofIndia #PresidentKovind #PresidentialElection pic.twitter.com/oXB2QWS1VR
— Indian Exmuslim (@IndianexmusIims) June 9, 2022
वहीं, राहुल झा ने आरिफ मोहम्मद खान के बहाने हिजाब के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा है कि, 'एक बार केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा था कि कुरान में 7 बार हिजाब का जिक्र आया है, मगर ड्रेस कोड के संदर्भ में नहीं।' गौतम गाड़ा नामक यूजर ने कहा कि वो देश के राष्ट्रपति के रूप में RSS पृष्ठभूमि वाली पूर्वोत्तर या बंगाल की एक आदिवासी महिला या फिर आरिफ मोहम्मद खान को देखना पसंद करेंगे।
हालांकि, इस्लामिक कट्टरपंथियों को आरिफ मोहम्मद खान का नाम आगे किया जाना जरा भी रास नहीं आया है। पैगंबर मुहम्मद के फैन्स नमक हैंडल से कहा गया है कि, 'ये वो नाम है, जिसने चंद सिक्कों की खातिर अपने दीन व ईमान को बेच दिया है। इस शख्स का मजहब-ए-इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं है। ये काफिर और मुर्तद है और इस्लाम में इन जैसे गद्दार और मुनाफीको की कोई जगह नहीं।'
'सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं', नूपुर शर्मा के समर्थन में बोली साध्वी प्रज्ञा
राज्यसभा चुनाव में ट्विस्ट, राजस्थान में खारिज हुआ भाजपा विधायक का वोट, कर्नाटक का ये है हाल
निकाय चुनावों के लिए कांग्रेस ने घोषित किए मेयर उम्मीदवार, देखिए सूची