नई दिल्ली: देश में चर्चित सोहराबुद्दीन शेख, कौसर बी और तुलसीराम प्रजापति हत्याकांड मामले में मुंबई की एक अदालत में इस केस के 8 आरोपियों के बयान दर्ज किए गए है। जानकारी के अनुसार बता दें कि आठ आरोपियों के बयान एक ही दिन में दर्ज करवाए गए है। वहीं इसमें आरोपी पुलिसकर्मियों ने खुलासा किया कि सोहराबुद्दीन का मारा जाना कई लोगों की महत्वाकांक्षा का परिणाम था।
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वहीं बता दें कि सभी आरोपियों ने अदालत को बताया कि उनके खिलाफ जो सबूत पेश किए गए थे, सब झूठे और मनगढंत हैं। इसके साथ ही सीबीआई स्पेशल कोर्ट में राजस्थान के सब-इंस्पेक्टर श्याम सिंह, हिमांशु सिंह राजावत, इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान के अलावा गुजरात पुलिस के इंस्पेक्टर बालकृष्ण चौबे, कांस्टेबल अजय, अजय परमार, संतराम और व्यापारी राजू जीरावाला के बयान दर्ज किए गए। सभी आरोपियों ने कहा कि आईपीएस अधिकारी नेताओं को खुश करने की होड़ में लगे रहते हैं, उनका तो कुछ नहीं बिगड़ता है लेकिन जूनियर इसमें फंसा दिए जाते हैं।
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गौरतलब है कि इस मामले में कोर्ट ने गंभीर रूख अपनाया है। वहीं कोर्ट में परमार ने बताया कि ये पूरा मामला राजनीतिक रूप से प्रेरित है और शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने दुश्मनी साधने के उद्देश्य से उन लोगों को फंसाया है। वहीं परमार ने कहा कि मुठभेड़ के बाद, उन्हें जांच करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों डीजी वंजारा और राजकुमार पांडियन ने निर्देश दिए थे। जबकि राजस्थान के इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान ने भी अपने बयान में कहा कि उन्होने कभी कोई रिपोर्ट या एफआईआर दर्ज करवाई है।
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