सूतक लगने से पहले ही बंद कर दिए गए मंदिरों के पट, ग्रहण के बाद होगा शुद्धिकरण

सूतक लगने से पहले ही बंद कर दिए गए मंदिरों के पट, ग्रहण के बाद होगा शुद्धिकरण
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इंदौर : 21 जून को लगने वाले वर्ष के पहले सूर्य ग्रहण का असर शनिवार को शाम ढलते ही शहर के मंदिरों में नजर आने लगा. हालांकि कोरोना संक्रमण के वजह से पहले से ही मंदिरों के मुख्य द्वार बंद थे, लेकिन संध्याकालीन आरती के बाद ही सूतक लगने से पहले मंदिरों के पट बंद कर दिए गए. सूर्य ग्रहण आषाढ़ी अमावस्या के दिन रविवार को 3 घंटे 30 मिनट तक रहेगा. खगोलशास्त्रियों ने जहां ग्रहण को खुली आंखों से नहीं देखने की बात कही है, तो वहीं ज्योतिर्विदों ने प्राकृतिक आपदा, रोग और पड़ोसी देशों के साथ शत्रुता बढ़ने की सभांवना जताई है. 

जानकारी के लिए बता दें की सूर्य ग्रहण का सूतककाल 12 घंटे पहले शनिवार रात 10 बजकर 11 मिनट पर लग गया. इसके पहले शहर के सभी देवस्थानों के पट भी बंद हो गए. ग्रहण के बाद मंदिरों का शुद्धिकरण किया जाएगा. हालांकि कोरोना वायरस के चलते मंदिर पहले से भक्तों के लिए बंद है. ग्रहण के चलते लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में आयोजित ब्रह्मोत्सव में रविवार को सुबह के सत्र के आयोजन नहीं होंगे.

इस संबंध में नागोरिया पीठाधीश्वर विष्णुप्रपन्नााचार्य महाराज ने बताया है कि प्रभु वेंकटेश का कल्याण उत्सव रात 8.30 बजे होगा. वहीं, रणजीत हनुमान मंदिर के पुजारी दीपेश व्यास के मुताबिक दोपहर 2ः30 बजे मंदिर का शुद्धिकरण कर प्रतिमाओं को स्नान कराएंगे. अन्नपूर्णा मंदिर के ट्रस्टी श्याम सिंघल के मुताबिक ग्रहण के बाद मंदिर का शुद्धिकरण होगा. खजराना गणेश मंदिर में भी ग्रहण के मोक्ष के बाद अभिषेक, श्रृंगार और आरती होगी.

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