शास्त्रों में कई नियम हैं और कई बातें भी हैं जो सभी को पता होनी चाहिए। आपको बता दें कि आज यानी 11 जुलाई को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को सोम प्रदोष व्रत पड़ रहा है। ऐसे में यह माना जा रहा है इस बार का प्रदोष व्रत अत्यंत शुभकारी व लाभकारी है, क्योंकि इस दौरान एक साथ 4 शुभ योग बन रहे हैं। जी हाँ और आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस दिन कौन से मंत्रों का जप करना चाहिए। सबसे पहले तो हम आपको यह बता दें धार्मिक ग्रंथों में वर्णन किया गया है कि प्रदोष व्रत, शिव जी को प्रसन्न करने व शुभ लाभ पाने के लिए अत्यंत खास होता है। अब अगर बात करें सोम प्रदोष व्रत की तो सोमवार का दिन पहले से भगवान शिव को समर्पित है, और इस पर अगर प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ जाए तो ये व्रत और भी खास हो जाता है। अब बताते हैं आपको वह मंत्र जिनका आज के दिन जाप करना लाभदायक हो सकता है।
सबसे पहले आपको बताते हैं कि आर्थिक तंगी से मुक्ति पाने के लिए कौन से मंत्रों का जप करना चाहिए-
ॐ वरुणस्योत्तम्भनमसि वरुणस्य सकम्भ सर्ज्जनीस्थो|
वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमसि वरुणस्य ऋतसदनमासीद्|
हेल्थ में सुधारे के लिए-
ॐ ब्रह्म ज्ज्ञानप्रथमं पुरस्ताद्विसीमतः सुरुचो वेन आवः,
स बुध्न्या उपमा अस्य विष्ठाः सतश्च योनिमसतश्च विवः
सफलता पाने के लिए-
ॐ नमः श्वभ्यः श्वपतिभ्यश्च वो नमो नमो भवाय
च रुद्राय च नमः।शर्वाय च पशुपतये च नमो
नीलग्रीवाय च शितिकण्ठाय च
कलह- क्लेश से मुक्ति के लिए-
ॐ नमः पार्याय चावार्याय च नमः
प्रतरणाय चोत्तरणाय च, नमस्तीर्थ्याय च कूल्याय च नमः
शष्प्याय च फेन्याय च
ध्यान रहे कुश के आसन पर बैठ कर ॐ नमः शिवाय मंत्र बोलते हुए शिव जी को जल अर्पित करें। इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर शिवजी का ध्यान कर लें। अब मन ही मन अपने जीवन के संकटों के नाश और धन धान्य की प्राप्ति के लिए शिव जी से प्रार्थना करें। खास ख्याल रखें कि इस दिन प्रदोष व्रत की कथा सुने अथवा पढ़ें जरूर। इसके बाद हवन सामग्री मिलाकर 11 या 21 या 108 बार ॐ ह्रीं क्लीं नमः शिवाय स्वाहा मंत्र से आहुति दें। आखिर में शिव जी की आरती करके, प्रसाद वितरित करें।
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