आप सभी को बता दें कि सावन के दूसरे सोमवार का व्रत 29 जुलाई को पूरे देश में मनाया जा रहा है और अगले दिन 30 जुलाई को मंगला गौरी व्रत के साथ शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाने वाला है. वहीं हफ्ते के दो दिन भक्तों के लिए खास हैं और इस समय मंदिरों सहित शिवालयों में विशेष तैयारी हो चुकी है. वहीं आज यानी सोमवार के दिन आने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है और इस बार सावन का प्रदोष व्रत, सावन के दूसरे सोमवार को यानी आज है.
इस समय को कहते हैं प्रदोष व्रत - कहा जाता है इस व्रत को करने वाले लोगों को जीवन में कभी हार का सामना नहीं करना पड़ता और उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। इसी के साथ प्रदोष व्रत हमेशा बेचैन और चंचल चित रखने वाले लोगों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है. कहते हैं प्रदोष काल उस समय को कहते हैं, जब सूर्यास्त हो गया हो, लेकिन रात अभी हुई नहीं हो और सूर्यास्त के बाद और रात होने से पहले के बीच की अवधि को ही प्रदोष काल कहते हैं।
सोम प्रदोष व्रत की पूजा - कहा जाता है सोम प्रदोष व्रत के दिन इसी समयावधि के दौरान यदि भगवान शंकर की विधिवत पूजा की जाती है तो वह सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इसी के साथ सोम प्रदोष व्रत की पूजा शाम 4:30 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे के बीच की जाती है और सुबह स्नान कर भगवान शंकर को बेलपत्र, गंगाजल, अक्षत, धूप, दीप आदि चढ़ाएं और पूजा करें इससे भी लाभ होगा.
व्रत की विधि - इस दिन स्नानादि के बाद ‘अद्य अहं महादेवस्य कृपाप्राप्त्यै सोमप्रदोषव्रतं करिष्ये’ यह कहकर व्रत लेना चाहिए और फिर शिवजी की पूजा अर्चना करके सारा दिन उपवास रखे और शाम के समय फिर से स्नान करके महादेव की अर्चना करके अन्न ग्रहण कर लें.
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