कहते हैं शास्त्रों में प्रदोष व्रत भगवान शिव की महा कृपा पाने का दिन है. ऐसे में जो प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ता है उसे सोम प्रदोष व्रत कहते हैं और इस बार ऐसा ही है. इस बार प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ रहा है इस कारण इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जा रहा है. आप सभी को बता दें कि सोम प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक करते हैं. ऐसे में सोम प्रदोष का व्रत करके जीवन के समस्त रोग दोष शोक कलह क्लेश हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं.
आइए जानते हैं सोम प्रदोष व्रत की सावधानियां और नियम-
- इस दिन घर में और घर के मंदिर में साफ सफाई का ध्यान रखें और साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ही भगवान शिव परिवार की पूजा करें. आज के दिन सारे व्रत विधान में मन में किसी तरीके का गलत विचार ना आने दें और अपने गुरु और पिता के साथ सम्मान पूर्वक बात करें. आज के दिन सारे व्रत विधान में अपने आप को भगवान शिव को समर्पण कर दें. इसी के साथ आज घर में हो सके तो तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन का प्रयोग ना करें. आज घर में आपसी सदस्य कलह क्लेश बिल्कुल ना करें.
जानिए सोम प्रदोष व्रत के लाभ -
- कहा जाता है सोम प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की पूर्ण कृपा प्राप्त की जा सकती है. इससे जीवन में किसी प्रकार का अभाव नहीं रह जाता है.
- आज के दिन व्रत करने से आर्थिक संकटों का समाधान हो जाता है.
- आज के दिन व्रत करने से हर तरह के रोग दूर हो जाते हैं और बीमारियों पर होने वाले खर्च में कमी आती है.
- आज अगर अविवाहित युवक-युवतियों व्रत करते हैं तो उन्हें योग्य वर-वधू मिलते हैं.
- आज के दिन जो व्रत करते हैं उन्हें भगवान शिव ज्ञान और मोक्ष देते हैं.
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