भगवान श्री कृष्ण ने अपने जीवन काल में अनेक लीलाएं रची जो अत्यन्त अद्धुत एवं आशचर्यचकित करने वाली थी. इसी प्रकार भगवान श्री कृष्ण के संबंध में भी अनेक ऐसे पहलू है जो बेहद रोचक और अनोखे है
आइये जाने उनके जीवन से जुड़े इन अद्भुत बातो को.
1 . श्री कृष्णा के जन्म के तथा उनकी आयु के संबंध में पुराणों और ज्योतिषों के मत एक नहीं है, पुराणों के अनुसार भगवान कृष्ण के आयु 125 वर्ष बताई गई है वही ज्योतिषों के मतानुसार भगवान कृष्ण की आयु 110 वर्ष थी. व्यक्तिगत रूप से दूसरे मत को अधिक उचित बतलाया गया है. भगवान श्री कृष्ण के पुरे शरीर का रंग मेघश्यामल था यही कारण था की उनके शरीर से हर समय एक मादक गंध स्त्रावित होती थी जिसे अपने गुप्त अभियान में होने के कारण उन्हें हर समय दूसरों से छुपाना पड़ता था. अज्ञातवास में उन्होंने सैरंध्री का कार्य चुना था ताकि चन्दन, उबटन के सुगन्धों के मध्य उनकी वास्त्विक गंध छुपी रहे.
2 . भगवान श्री कृष्ण के मनुष्य रूप त्यागने था वैकुंठ धाम गमन से पूर्व एक भी केश श्वेत नहीं थे तथा उनके चेहरे पर कोई भी झुरिया नहीं थी. पुराणों के अनुसार भगवान श्री कृष्णा की दूसरी माता रोहणी (बलराम की माता) व उनकी परदादी ”नाग” जनजाति की थी. भगवान श्री के जन्म के समय मथुरा के कारावास में उनको यशोदा को पुत्री के रूप में प्राप्त हुई जिस कन्या से बदला गया था उसका नाम एकनंशा था, जिनकी आज विंध्यवासिनी देवी के नाम से पूजा होती है. . ऐसा माना जाता है की प्रसिद्ध मार्शल आर्ट की कला का विकास भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज के वनों में किया था तथा इसी का नृत्य रूप डांडिया रास कहलाता है. ”कलारीपट्टु” की कला को उतपन्न करने वाले पहले व्यक्ति भगवान श्री कृष्ण ही थे तथा उनकी नारायणी सेना भारत के सबसे पहली भयंकर प्रहारक सेना थी.