नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बिना नाम लिए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "कुछ लोगों को यह पता ही नहीं है कि हमारा संविधान क्या कहता है। आरक्षण हमारे संविधान में निहित है। यह सकारात्मक कार्रवाई का हिस्सा है एवं हमारे संविधान का एक जीवंत पहलू है। कुछ लोग देश से बाहर जाकर इसे हल्के में लेते हैं।"
उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि कोई व्यक्ति अपने होश में यह दावा कैसे कर सकता है कि वह अपने ही देश में पूजा स्थल पर नहीं जा सकता? उन्होंने इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि उनके पास इस पर टिप्पणी करने के लिए शब्द नहीं हैं, यह पूरी तरह से अनुचित है। धनखड़ ने कहा कि देश के बाहर हर भारतीय को राष्ट्र का राजदूत होना चाहिए, किन्तु यह दुखद है कि एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति इसके विपरीत आचरण कर रहा है। उन्होंने कहा, "यह सबसे निंदनीय, घृणित एवं असहनीय है कि कोई व्यक्ति राष्ट्रविरोधी ताकतों का हिस्सा बन जाए।" उपराष्ट्रपति का यह बयान भाजपा द्वारा राहुल गांधी पर निशाना साधने के एक दिन पश्चात् आया। इससे पहले, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता पर आरोप लगाया था कि उनकी आदत बन गई है कि वे देश को बांटने वाली ताकतों के साथ खड़े होते हैं।
अमेरिका यात्रा के चलते राहुल गांधी ने वर्जीनिया में भारतीय अमेरिकी समुदाय के साथ बातचीत में भारत के अंदर आरक्षण एवं धार्मिक स्वतंत्रता पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि आरएसएस कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है तथा यह संघर्ष इसी मुद्दे को लेकर है। राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि लड़ाई इस बात की है कि क्या भारत में एक सिख को पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं, तथा क्या एक सिख गुरुद्वारे में जा सकता है या नहीं। राहुल गांधी के इस बयान का समर्थन खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने किया था। पन्नू ने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान साहसिक है तथा भारत में सिखों की स्थिति को उजागर करता है, जो SFJ की खालिस्तान की मांग को सही ठहराता है।
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