आपने बढे-बूड़ो से इस बात को सुना होगा कि रिश्ते बनानां है लेकिन उनको निभाना कठिन होता है. रिश्तों के इस प्यारे से बंधन को स्थिर बनाए रखने के लिए भावनात्मक सहनशक्ति की अवयस्कता पढ़ती है और अगर बात पति-पत्नी की हो तो फिर इस रिश्ते में और भी ज्यादा प्यार और विश्वास होना चाहिए. सबसे पहले अपने आप अनुमान लगाने की आदत को छोड़ दे. अपने घर के सदस्यों और उनके द्वारा किये गए कामो का हिसाब लगाना छोड़ दे.
हां आप एक लिस्ट के अनुसार अपने घर के काम अपने पार्टनर के साथ में बात सकती है. इससे आपके रिश्ते में नयापन आएगा. आप अपने पार्टनर में कमी निकलने से बचे और उसे पूरी तरह समझने का प्रयास करे. साथ ही उसकी किसी अन्य व्यक्ति से तुलना करना छोड़ दे. साथ ही एक दूसरे को पुरे दिल के साथ में अपनाये.
साथ ही एक रिश्ते में समय बिताना बहुत जरुरी होता है. आप अपने पार्टनर को समझने के लिए उसके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने का प्रयास करते साथ ही उसे थोड़ी आजादी भी दे ताकि वो इस रिश्ते को बोझ न समझने लगे. वही बात बात पर टोकने की आदत से भी आप बचे. इसके साथ ही आप इस बात का ध्यान रखे कि आप अपने पार्टनर के साथ में हंसी मजाक भी करे. लेकिन यह भी एक सिमा में रहकर. कही ऐसा न हो कि मजाक के चलते आप अपने पार्टनर का अनादर कर दे.
हमेशा लड़के ही क्यों पहले करते है प्यार का इजहार