कई लोगों को यह जानकर हैरानी होती है कि जापान, जो बार-बार प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता है, फिर भी इतनी तरक्की कैसे कर पाया है। आइए जानते हैं, इसके पीछे की मुख्य वजहें क्या हैं।
जापान: भूकंप का देश: जापान को अक्सर ‘भूकंप का देश’ कहा जाता है। यह प्रशांत महासागर के 'रिंग ऑफ फायर' पर स्थित है, जो दुनिया के सबसे भूकंप-संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है। यहां हर साल हजारों छोटे-बड़े भूकंप आते हैं। 1995 का कोबे भूकंप और 2011 में फुकुशिमा में आई भूकंप और सुनामी जैसी आपदाएं इसका बड़ा उदाहरण हैं कि जापान कितनी बार बड़ी प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर चुका है।
जापान से क्यों कम होती है नुकसान?: भारत भी भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में आता है, लेकिन जापान के मुकाबले भारत में भूकंप से होने वाली हानि ज़्यादा होती है। इसके पीछे कुछ मुख्य कारण हैं। पहला कारण है कि जापान में भूकंप-प्रतिरोधी इमारतों का निर्माण अनिवार्य होता है। इन इमारतों को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि वे भूकंप के झटकों को सह सकें। दूसरा कारण है कि जापान में लोगों को नियमित रूप से बचाव अभ्यास सिखाया जाता है। वहां की सरकार और संस्थाएं हमेशा आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तैयारी में रहती हैं। इसके अलावा, जापान में आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल होता है, जो भूकंप की भविष्यवाणी करने और उसके प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
जापान से क्या सीख सकते हैं?: जापान की यह तैयारी और भूकंप से निपटने की तकनीकें हमें सिखाती हैं कि हमें भी अपने देश में भूकंप-प्रतिरोधी इमारतों का निर्माण करना चाहिए। इसके साथ ही, हमें लोगों को जागरूक करना चाहिए कि वे आपात स्थिति में क्या करें। अगर हम भी जापान की तरह भूकंप जैसी आपदाओं के लिए तैयार रहेंगे, तो हमारी हानि भी कम हो सकती है। हमें आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करना चाहिए और आपदाओं से निपटने की पूरी तैयारी रखनी चाहिए।
भविष्य के लिए तैयारी: भविष्य में भूकंप से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए हमें जागरूकता फैलानी होगी। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोग आपदाओं के दौरान किस तरह का व्यवहार करें और किस तरह सुरक्षित रहें।
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