कहा जाता है चंद्र देव को भी प्रत्यक्ष भगवान माना जाता है और अमावस्या को छोड़कर चंद्रदेव अपनी सोलह कलाओं परिपूर्ण होकर साक्षात दर्शन देने आते हैं. ऐसे में सोमवार चंद्रदेव का दिन माना जाता है और चंद्रमा से शुभ फल प्राप्त करने के लिए इस दिन खीर जरूर खाना चाहिए. जी हाँ, वहीं अगर कुंडली में चंद्र नीच का हो तो सफेद कपड़े पहनना चाहिए और श्वेत चंदन का तिलक लगाना चाहिए. ऐसा भी कहा जाता है कि चंद्रमा का रत्न मोती है और चंद्र रत्न मोती को चांदी की अंगूठी में जड़वा कर कनिष्ठिका अंगुली में पहनना चाहिए इससे बहुत लाभ होता है. इसी के साथ शीत से पीड़ित होने पर गले में मोतीयुक्त चांदी का अर्धचंद्र लॉकेट पहनने से फायदा होता है. आज हम बताने जा रहे हैं चंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए किन मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए. आइए जानते हैं लेकिन ध्यान रहे कि चंद्र मंत्र का जाप 11 बार किया जाता है.
चंद्रदेव के मंत्र-
दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।।
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।
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