हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन अमावस्या तिथि पड़ती है। इस तरह, सावन माह की अमावस्या सोमवार 17 जुलाई को है। इस साल सावन माह की अमावस्या सोमवार को पड़ रही है। अतः यह सोमवती अमावस्या कहलाएगी। धार्मिक मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या के दिन महादेव की पूजा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के काल, कष्ट, दुख, संकट, रोग- व्याधि से मुक्ति प्राप्त होती है। अतः सोमवती पर साधक पवित्र नदी या सरोवर में स्नान कर भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं।
शुभ मुहूर्त:-
दैनिक पंचांग के मुताबिक, सावन की सोमवती अमावस्या 16 जुलाई को देर रात 10 बजकर 08 मिनट पर आरम्भ होगी तथा 18 जुलाई को देर रात 12 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 17 जुलाई को सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी।
महत्व:-
हिन्दू धर्म में सोमवती अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन महादेव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस शुभ अवसर पर शिव मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन मौन रहकर स्नान-ध्यान करने से गौ दान समतुल्य पुण्य मिलता है।
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