देहरादून: आज सोमवती अमावस्या का स्नान पर्व है मतलब सोमवार की अमावस्या। वैसे तो अमावस्या की अपनी अलग अहमियत है, लेकिन सोमवती अमावस्या व्यक्ति के लिए पुण्यदायी है एवं उस पर सावन में सोमवती अमावस्या पड़ने का योग अत्यंत अहम है। यह योग लगभग 19 वर्ष पश्चात् आया है। इस के चलते गंगा स्नान करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है। भक्त गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं। गंगा स्नान करने के लिए यहां पर दूर-दूर से भक्त आए हैं।
सोमवती अमावस्या के स्नान पर्व की खास अहमियत मानी जाती है। मान्यता है कि इस मौके पर मां गंगा में स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। मनोकामनाएं पूरी होती हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर पितरों के निमित्त पूजा करने से जीवन मे सुख और शांति आती है। भक्तों का सैलाब उमड़ने की उम्मीद के चलते पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए हैं तथा मेला क्षेत्र को 11 सुपर जोन, 22 जोन और 69 सेक्टर में बांटकर अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि वैसे तो सभी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व है। लेकिन सोमयुता अर्थात सोमवती अथवा भोमयुता अर्थात भौमवती अमावस्या खास पुण्यदायी होती है। आप इसके पुण्य का इसी बात से प्रभाव लगा सकते हैं कि इस सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में स्वयं भीष्म पितामह ने अपनी शरशैया पर पड़े रहते हुए इंतजार किया था।
सोमवती अमावस्या के दिन मात्र जलस्नान करना व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के समान फल दे देता है तथा आज के दिन अपने पितरों के प्रति तर्पण श्राद्ध आदि करना, पीपल के वृक्ष की पूजा करना एवं उसमें अपने पितरों की कामना करते हुए किसी भी तरह से 108 परिक्रमा कर ले, तो यह निश्चित समझिए कि व्यक्ति का कितना भी कठिनाईपूर्ण जीवन हो, वो सुधर जाता है तथा व्यक्ति की मनोकामना इच्छितकामना पूर्ण हो जाती है। गंगा आदि पवित्र नदियों में हरिद्वार आदि तीर्थों में आज के दिन स्नान का अत्यधिक महत्व है। आज ब्रह्मकुंड हर की पैड़ी स्नान करके व्यक्ति अपने जीवन को कल्पकल्पान्तर तक के पाप नष्ट करके व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। आज जो दान करेंगे, जो पुण्य करेंगे वो अक्षय है। सोमवती अमावस्या व्यक्ति की पुण्यदायी एवं जीवनदायी है।
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