सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन कहा जाता है, इस दिन भगवान भोलेनाथ और माँ पार्वती को ही समर्पित किया जाता है, कुछ मान्यताओं का कहना है कि इस दिन पूजा अर्चना करने से कई तरह की मनोकामनाएं पूरी होती है, और इतना ही नहीं जीवन में सुख समृद्धि का भी निवास होता है, ये दिन खास तौर पर पितरों के तर्पण और उनके आशीर्वाद लेने के लिए भी विशेष रूप से शुभ कहा जाता है. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है और जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति भी मिल जाती है
पंचांग के मुताबिक पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 30 दिसंबर को सुबह 4:01 बजे शुरू होगी और 31 दिसंबर को तड़के सुबह 3:56 बजे समाप्त हो जाएगी. उदयातिथि के अनुसार सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को ही मनाई जाने वाली है
सोमवती अमावस्या पर किए जाने वाले विशेष उपाय:
शिवलिंग पर अभिषेक करें: सोमवती अमावस्या के दिन शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और घी आदि से अभिषेक करने से मनोकामना पूरी होगी।
व्रत का पालन करें: यदि कोई आज के दिन व्रत करता है तो इस दिन व्रत रखने का बहुत महत्त्व होता है लोगों के रुके हुए काम पूरे होते है. इतना ही नहीं यदि कोई व्रत रखता है तो मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप: इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव अपने भक्तों से प्रशन्न हो जाते है, और शिव जी की असीम कृपा प्राप्त होती है।
दान करें: यदि आज के दिन आप गरीबों और जरूरतमंदों को दान करते है तो इससे आपको भोले बाबा की असीम कृपा देहने के लिए मिल सकती है।
पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं: आज के दिन जिन लोगों ने व्रत किया है वो यदि पीपल के पेड़ को जल चढ़ाते है और दीपक जलाते है तो ये आपके लिए लाभकारी हो सकता है।
पितरों का तर्पण करें: इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें शांति मिलती है, ऐसा आपको हर सोमवती अमावस्या को करना चाहिए।
माता पार्वती की पूजा करें: माता पार्वती की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है।
विशेष मंत्रों का जाप करें:
1 ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
2 ॐ नम: शिवाय
3 कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।
4 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
इन बातों का रखें खास ध्यान:
यदि आप हर सोमवार का व्रत रखते हैं, तो इसका प्रभाव और भी अधिक होता है।
शिव पुराण का पाठ करने से मन शांत होता है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
सोमवती अमावस्या के दिन शिव मंदिर में दर्शन करने का महत्व है, लेकिन इस दिन काले रंग के कपड़े न पहनें और मांस-मदिरा का सेवन न करें।
इस दिन झूठ बोलने से बचें और गुस्से में न आएं, बल्कि परिवार में तालमेल बनाए रखें।
इन उपायों और नियमों का पालन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है।