मुंबई: महाराष्ट्र के विरार शहर में रहने वाले एक डॉक्टर दंपति ने अपने 30 साल के बेटे को सड़क हादसे में खो दिया. सड़क हादसे में बेटे की मौत के बाद माता-पिता ने उसके ऑर्गन डोनेट कर दिए. अंग दान के लिए नवविवाहित पत्नी ने भी अपनी सहमति जाहिर कर दी है. इन अंग दान से अब 11 जिंदगियों को फ़ायदा मिलेगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क हादसे में जान गंवाने वाले 30 साल के साकेत दंडवते पेशे से इंजीनियर थे. वह बेंगलुरू की एक डिजिटल ऐप कंपनी में नौकरी करते थे. उन्हें बाइकिंग का बड़ा शौक था. छुट्टियों में बाइकिंग के लिए उन्होंने एक ग्रुप भी ज्वाइन किया था. वह अकसर फ्री टाइम में बाइक से सफर करना पसंद करते थे. 15 मई को साकेत पुणे से बेंगलुरु बाइक से जा रहे थे. रास्त में कर्नाटक के चित्रदुर्ग के नजदीक किसी अज्ञात कार ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी. वह हेलमेट पहने हुए थे. इसके बावजूद उन्हें बहुत गंभीर चोटें आईं. रास्ते में एक शख्स ने उन्हे जख्मी देख अस्पताल में एडमिट कराया. इसके बाद साकेत के परिजनों को हादसे की सूचना दी गई.
परिवार वालों ने साकेत को गंभीर जख्मी अवस्था में बेंगलुरु के नारायण अस्पताल में एडमिट कराया. जहां वह कुछ दिन वेंटिलेटर पर भी रहे. शरीर में कई गंभीर चोट लगने के कारण डॉक्टर साकेत को नहीं बचा सके. उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके बाद साकेत के माता-पिता, जो कि खुद पेशे से चिकित्सक हैं. उन्होंने अपने बेटे साकेत के ऑर्गन डोनेट कर दिए. शरीर को जो अंग दान किए उनमें लीवर, किडनी, आंखें, हार्ट वाल्व और स्किन है. साकेत के अंग दान करने में उसके बीवी की भी हामी रही. जिसकी अभी 5 माह पहले ही शादी हुई थी. मृतक साकेत की पत्नी बेंगलुरू की एक IT कंपनी में काम करती है. अंग दान किए जाने के बाद परिवार वालों ने अपने बेटे का अंतिम संस्कार शुक्रवार को बेंगलुरु में किया.
बता दें कि साकेत के पिता विनीत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन विरार के प्रमुख है. उनकी मां डॉक्टर सुमेधा एक नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं. उनके परिवार में सभी लोग अंग दान कर हे हैं. पहले उनके दादा ने अपने ऑर्गन डोनेट किए थे. बेटे साकेत ने भी हाल ही में मरने के बाद अंग दान किए जाने की इच्छा जाहिर की थी.
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