ताइपेई. अपनी बूढ़ी माँ को नजरअंदाज करना एक बेटे को महंगा पड़ गया. ताइवान में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें यहां के कोर्ट ने एक बेटे को 744,000 अमेरिकी डॉलर अपनी माँ को देने का आदेश दिया है. यहां कोर्ट ने दांतो के डॉक्टर को अपनी परवरिश और शिक्षा देने में हुए खर्च की भरपाई के रूप में अपनी मां 744,000 डॉलर देने को कहा है.
पूरा मामला कुछ ऐसा है कि लू उपनाम की वादी का वर्ष 1990 में अपने पति से तलाक हुआ था और उसने खुद अपने दोनों बेटों को बड़ा किया. लू को इस बात की चिंता थी कि जब वह बूढ़ी होगी तो कोई उनकी देखभाल नहीं करेगा. लू ने अपने बेटों के साथ करार पर हस्ताक्षर किए जब वे दोनों 20 वर्ष के होंगे तो अपनी आय के कुल लाभ की 60 फीसदी राशि उसे देंगे. लेकिन लू ने आरोप लगाया कि उसके बेटों ने उसे नजरअंदाज करना शुरू कर दिया और उनकी प्रेमिकाओं ने भी उसे वकीलों के जरिए पत्र भेजे कि वे अपने बेटों को परेशान ना करें. उन्होंने आठ साल पहले मुकदमा दायर किया था जब उनके बेटों ने करार का सम्मान करने से इनकार कर दिया.
बड़े बेटे ने मामला सुलझाने के लिए उन्हें 50 लाख डॉलर का भुगतान किया था. जबकि छोटे बेटे ने दावा किया था कि यह करार अच्छी परंपरा का उल्लंघन करता है क्योंकि एक बच्चे का पालन-पोषण उसकी वित्तीय स्थिति से नहीं आका जाना चाहिए और वह अपनी मां के खिलाफ अदालत चला गया था. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले आदेश को बरकरार रखा जिसमें कहा गया है कि चू नाम के 41 वर्षीय व्यक्ति को उस अनुबंध का सम्मान करना चाहिए जिसमें उसने 20 साल पहले अपनी मां को उस पर खर्च होने वाली धनराशि वापस करने का वादा किया था.
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