अंधविश्वास में कोई भी इंसान कुछ भी कर बैठता है. हाल ही में ऐसा ही एक मामला झारखंड से सामने आया है.यहाँ पर प्रशांत नाम के एक शख्स के पिता की मौत 6 महीने पहले हो गई थी लेकिन उसने अपने पिता का अंतिम संस्कार सिर्फ इसलिए नहीं किया क्योकि उसे पूरा भरोसा था उसके पिता दोबारा जीवीत होंगे. जी हाँ... और हैरानी वाली बात तो ये है कि पिता को जीवीत करने के लिए वो लड़का लाश के साथ 6 महीने तक रहा. जी हाँ... उसने इस दौरान काफी पूजा पाठ भी कि लेकिन उसके पिता जीवित नहीं हुए.
काफी समय बाद जब लाश से दुर्गंध आने लगी तो पड़ोसियों ने इस बारे में पुलिस को सूचना दी और फिर मामले का खुलासा हुआ. पुलिस ने उस लड़के को हिरासत में ले लिया. इस बारे में बात करते हुए प्रशांत ने बताया कि, 'वह अपने पिता से बहुत प्यार करता था. उसे भरोसा था कि वह पिता को दोबारा जीवीत कर लेगा. लेकिन अब उसका भरोसा भगवान से उठ गया है और पूजा पाठ करना भी छोड़ दिया है.' वहीं इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि, '11 महीने की लंबी बीमारी के बाद प्रशांत के पिता विश्वनाथ की मौत हो गई थी. लेकिन इस बात की जानकारी ग्रामीणों को नहीं हो पाई. जब कोई उनके बारे में पूछता तो इलाज का हवाला देकर बाहर भेजने की बात बता दी जाती.'
ये भी सुनने में आया है कि लाश में से बदबू न आए इसके लिए लड़का अगरबत्ती और रूम फ्रेशनर का प्रयोग करता था. आपको बता दें मृतक विश्वनाथ की एक बेटी ममता सिन्हा भी है जो कि बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर खर्च चलाती है. इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात है कि जिस घर में मृतक विश्वनाथ का शव था, उसी के बाहर बच्चों को ममता पढ़ाती थी.
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