हिसार: हिसार के धुंदुर गांव में आज हजारों लोगों की भीड़ जमा थी और इसकी वजह रहीं सोनाली फोगाट। आज लाल रंग के कपड़ों से सजे शव पर बीजेपी का झंडा लिपटा था और वह शव था सोनाली फोगाट का। जैसे ही सोनाली की अर्थी उठी, कानों को चीरने वाली चीखें गूंज उठीं। इन चीखों में आवाज थी यशोधरा की।
जी हाँ, 16 साल की यशोधरा सोनाली फोगाट की बेटी है और चीख-चीखकर यधोधरा कह रही थीं, 'मुझे भी साथ जाना है'। माँ के जाने से बेटी का रो-रोकर हाल बेहाल था और उसे पानी पिलाकर फिर होश में लाया जाता रहा। किसी तरह हिम्मत करके यशोधरा ने अपनी मां की अर्थी को कंधा दिया और उनकी चिता को मुखाग्नि भी दी। यशोधरा बार-बार कह रही थी कि अब उसका हाल कौन पूछेगा? कौन उसे लाडो कहेगा। सोनाली फोगाट की अर्थी से लिपटकर यशोधरा खूब रोई। वह बार-बार कहती रही, 'एक बार उठ जाओ।।।वापस आ जाओ।।। मेरा कौन ध्यान रखेंगा।।। कौन पूछेगा खाना खाया कि नहीं।।।आप भी छोड़कर चली गईं।।।मुझे अपने सीने से कौन लगाएगा कौन मुझे प्यार करेगा? उठ जाओ।।।'
इसी के साथ यशोधरा बिलखते हुए कहा कि, 'मां ने राजनीति के लिए मुझे हॉस्टल भेज दिया। मुझे टाइम नहीं दे पाती थीं। बीजेपी के लिए बहुत कुछ किया लेकिन आज मेरी मां के लिए कोई नहीं खड़ा है। मेरी मां को न्याय मिलना चाहिए। इस मामले को लेकर छानबीन करनी चाहिए और जो भी अपराधी हैं, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिले।' इसी के साथ सोनाली ने बताया था कि जब यशोधरा तीन साल की थी तब से वह अपनी मां को सपॉर्ट करती थी।
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