नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है. सोनिया ने एक अख़बार में लिखे लेख में कहा कि, थोपी गई चुप्पी से देश की समस्याओं का समाधान नहीं होगा. सोनिया गांधी ने कहा कि, भारत के लोगों ने यह सीख लिया है कि जब आज की स्थिति को समझने की बात आती है, तो पीएम नरेंद्र मोदी की हरकतें उनके शब्दों से कहीं ज्यादा जोर से बोलती हैं.
सोनिया गांधी ने लिखा कि, बीते महीनों में हमने देखा कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार लोकतंत्र के सभी तीन स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को व्यवस्थित तरीके से ध्वस्त कर रही है. उनके कार्यों से लोकतंत्र और लोकतांत्रिक जवाबदेही के लिए तिरस्कार का प्रदर्शन होता है. सोनिया ने लिखा कि, सरकार ने विपक्ष के विरोध का सामना करने के लिए कई तरह के उपायों का सहारा लिया. इनमें भाषणों को हटाना, चर्चा को रोकना, संसद सदस्यों पर हमला करना और अंत में कांग्रेस के एक सांसद (राहुल गांधी) को तेज रफ़्तार से अयोग्य घोषित करार दे दिया गया. इसका परिणाम यह हुआ कि लोगों के 45 लाख करोड़ का बजट बगैर किसी बहस के पास कर दिया गया. यहां तक कि जब लोकसभा में वित्त विधेयक पारित किया गया तब प्रधानमंत्री अपने व्यापक मीडिया कवरेज वाले निर्वाचन क्षेत्र में pariyojnaon के उद्घाटन में व्यस्त थे.
सोनिया गांधी ने आगे लिखा कि, मोदी सरकार द्वारा CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दुरुपयोग जाहिर है. 95 फीसद सियासी मामले केवल विपक्षी नेताओं के खिलाफ दाखिल किए गए. वहीं, वे लोग जो भाजपा में शामिल हो गए, उनके खिलाफ केस चमत्कारिक रूप से गायब हो गए.
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