नई दिल्ली : यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने गैर-एनडीए दलों के लिए 23 मई को बैठक बुलाई है। इस दिन चुनाव परिणाम भी घोषित होने हैं। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस का मानना है कि भाजपा को इस बार बहुमत नहीं मिलेगा। इसी के मद्देनजर यूपीए प्रमुख ने सेक्युलर पार्टियों के नेताओं को निमंत्रण भेजा है।
प्रचार नहीं रोक सकते लेकिन हिंसा की इजाजत भी नहीं दे सकते - चुनाव आयोग
इन नेताओं को मिला आमंत्रण
जिन नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है उनमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार, डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन, राजद और टीएमसी के नेता शामिल हैं। इस मामले को संभालने के लिए कांग्रेस ने चार नेताओं की टीम बनाई है। इसमें अहमद पटेल, पी.चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत का नाम है। दरअसल, कांग्रेस दूसरी पार्टियों के नेताओं के बदलते रवैये पर लगातार नजर बनाए हुए है। इनमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव का नाम शामिल है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह का बड़ा ऐलान, कहा- अगर ऐसा नहीं हुआ तो दे दूंगा इस्तीफा
कुछ ऐसा बोले तेजस्वी
बता दें इससे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को कहा है कि नई सरकार के गठन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मुख्य भूमिका निभाएंगे। तेजस्वी ने कहा कि भाजपा अपने वादों को पूरा करने में असफल हुई है। इन पर कोई सवाल न उठे, इसलिए समाज में नफरत की राजनीति कर रही है। बिहार में राजद, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। तेजस्वी का दावा है कि यह महागठबंधन को प्रदेश में जीत मिलेगी।
साध्वी प्रज्ञा के बयान को लेकर बैकफुट पर भाजपा, कहा - मांगनी पड़ेगी माफ़ी
नाथूराम गोडसे वाले बयान पर दिग्गी राजा का प्रहार, साध्वी प्रज्ञा ने कहा था देशभक्त
ममता के गढ़ में पीएम मोदी की हुंकार, कहा- दीदी को बंगाल की जनता से नहीं, बल्कि घुसपैठियों से प्यार