नई दिल्ली: 2019 लोकसभा में बुधवार को यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली में मॉडर्न रेल कोच फैक्ट्री की ज़मीन को कौड़ियों के भाव बेचने का मुद्दा उठाया. सोनिया ने कहा है कि, 'सबसे कम दामों पर यहां रेल कोच तैयार होता है. कोच फैक्ट्री में 2000 कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि सरकार इसका निजीकरण करने जा रही है.'
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आगे कहा है कि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए वहां के कर्मचारियों को संकट में डाल दिया गया है. वहां के कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रही है. सरकार से मांग है कि रेल कोच फैक्ट्री में कार्य करने वालो को सम्मान प्रदान करें. मंगलवार को सोनिया गांधी ने ये मसला शून्यकाल में उठाया था.
बुधवार को यही मुद्दा प्रश्नकाल में अधीर रंजन चौधरी ने उठाया है कि, किन्तु कल के जवाब में प्रेस वालों से बात करते हुए रेल राज्यमंत्री सुरेश अगाडि ने कहा था कि ये सोनिया का पब्लिसिटी स्टंट है. ऐसा कोई प्रपोजल सरकार के सामने नहीं है. वहीं बुधवार को रेल मंत्री ने प्रश्नकाल में जवाब देते हुए कहा है कि पीएसयू की इस प्रक्रिया की शुरुआत यूपीए सरकार ने ही आरंभ की थी. इसका कारपोरेटाइजेशन अच्छे के लिए किया जा रहा है. मतलब रेलवे के दोनों मंत्री अलग-अलग बात कह रहे हैं.
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