नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) 2020 ड्राफ्ट की चारों तरफ जमकर आलोचना हो रही है. विपक्षी दलों से लेकर पर्यावरण का मुद्दा उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता भी इसका विरोध कर रहे हैं. अब कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मसले पर एक आर्टिकल लिखा है, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार की इस नीति की जमकर आलोचना की है.
एक अंग्रेजी अखबार में सोनिया गांधी ने लिखा कि, ‘यदि आप प्रकृति की रक्षा करेंगे, तो प्रकृति भी आपकी रक्षा करेगी. हाल ही के समय में विश्व में कोरोना वायरस का जो संकट पैदा हुआ है, वो मानवों को एक नई सीख देता है. ऐसे में हमारा फर्ज है कि हमें पर्यावरण की रक्षा करें’। सोनिया ने लिखा है कि, ‘हमारे देश ने विकास की दौड़ के लिए पर्यावरण की बलि दी है, किन्तु इसकी भी एक सीमा निर्धारित होनी चाहिए. विगत 6 वर्षों में इस सरकार का रिकॉर्ड ऐसा ही रहा है जिसमें पर्यावरण को लेकर रक्षा करने पर विचार नहीं है, आज विश्व में इस मामले में हम बहुत पीछे हैं. महामारी की वजह से सरकार को विचार करना चाहिए था, किन्तु इसे अनदेखा किया जा रहा है’.
सोनिया गांधी ने हमला बोलते हुए कहा कि पहले कोयला खदानों की बात हो या फिर अब EIA की अधिसूचना, किसी से भी राय नहीं ली जा रही है. गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर से लेकर अबतक नरेंद्र मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड पर्यावरण को लेकर खराब रहा है, अब भी सरकार ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के नाम पर नियमों को बर्बाद कर रही है.
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