नई दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को संसद की स्वीकृति मिलने को देश के बहुलतावाद पर संकुचित सोच की जीत करार देते हुए कहा कि आज का दिन संविधान के इतिहास में काले दिन के तौर पर याद किया जाएगा। राज्यसभा से इस विधेयक के पास होने के बाद सोनिया गांधी ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि यह विधयक हमारे उन पूर्वजों के विचारों को चुनौती देता है जिन्होंने देश मे धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई लड़ी है।
उल्लेखनीय है कि यह विधेयक लोकसभा में दो दिन पहले पारित हुआ था। सोनिया गाँधी ने कहा कि यह बिल हमारे देश में धर्म, जाति, पंथ, भाषा या लिंग के आधार पर पक्षपात नहीं करने की परंपरा को तोड़ता है। सोनिया गांधी ने कहा कि हमने हमेशा सभी देशों और सभी धर्मों के लोगों को महत्व दिया है। हमने कभी किसी समुदाय के शख्स की सुरक्षा को कम नही होने दिया और सबकी आवाज को महत्व दिया है।
सोनिया गाँधी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह बिल ऐसे समय पर आया है, जब देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। इस बिल में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगलादेश से धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर आए हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाइ और पारसी समुदाय के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। कांग्रेस शुरू से ही इस बिल का विरोध कर रही है।
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