CWC की बैठक में सोनिया गांधी ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है. साथ ही उन्होंने नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया जारी करने की बात कही है. सोनिया ने गुलाम नबी आजाद समेत अन्य नेताओं द्वारा नेतृत्व परिवर्तन को लेकर लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए इस्तीफे पेश कर दिया है. उन्होंने पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल को इस पत्र का उत्तर दे दिया है. राहुल गांधी ने पत्र पर नाराजगी जताते हुए बताया कि जिस वक्त पत्र भेजा गया उस वक़्त सोनिया गांधी हॉस्पिटल में भर्ती थीं. पत्र उस वक़्त लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट से जूझ रही थी. इसमें जो लिखा गया था उस पर मीडिया के बजाय CWC बैठक में चर्चा होनी चाहिए थी. राहुल गांधी ने इलज़ाम लगाया कि जिन्होंने इस वक्त चिट्ठी लिखी है वो बीजेपी से मिले हुए हैं.
जंहा इस बात का पता चला है कि इस बयान पर कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ नेताओं ने नाराजगी जाता रहे है. जिसके उपरांत पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला सफाई पेश कर दी है. फिर सिब्बल ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है. सुरजेवाला ने बोला कि राहुल गांधी की बात का वो मतलब नहीं था और न ही उन्होंने ऐसा बताया.
कृपया झूठे मीडिया बातचीत या गलत जानकारी के प्रसार से भ्रमित न हों. हम सभी को एक साथ मिलकर मोदी सरकार के विरुद्ध लड़ना है न कि एक-दूसरे को चोट पहुंचाने या कांग्रेस के विरुद्ध. अब कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद बताया है कि राहुल गांधी ने यह बात कभी नहीं कही कि यह पत्र (कांग्रेस नेताओं का सोनिया गांधी को पत्र) बीजेपी के साथ मिलकर लिखा गया. न तो CWC की बैठक में और न ही कहीं बाहर.
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