अभिनेता सोनू सूद को कोरोना महारी के वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को उनके स्थान तक पहुंचाने में सहायता करने के वजह से पूरे भारत में मसीहा के रूप में जमकर सराहा गया है. लेकिन उनके लिए चीजे हमेशा से इतनी सरल नहीं थी. 'इंडियाज बेस्ट डांसर' शो के आजादी स्पेशल ऐपिसोड की शूटिंगके वक्त एक्टर सोनू ने अपनी मूवी यात्रा को लेकर पुरानी यादें शेयर कीं.
एक्टर ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बोला, "मैं एक इंजीनियर हूं और अपनी ग्रेजुएशन करने के बाद जब मैं अपने फैमिली के पास वापस लौटा, तो मैंने सोचा कि मैं वहां पारिवारिक बिज़नेस करूंगा, लेकिन मैं हमेशा से मुंबई आना चाहता था. प्रारंभ में मैंने विचार किया था कि मेरे माता-पिता मुझे मुंबई जाने से रोकेंगे क्योंकि मैं उनका इकलौता पुत्र हूं, लेकिन मेरी मां ने मुझे अपने सपनों को पाने के लिए बोला.
इस संबंध में उन्होंने आगे बोला, "मुझे अभी भी याद है जब मैं पहली बार मुंबई में आया था, मेरे समीप 5,500 रुपये थे जो मैंने बचाकर एकत्रित किए थे. मैं चार सौ रुपए खर्च करके फिल्म सिटी गया लेकिन मुझे गेट पर ही रोक दिया गया. मुझे ऐसा लगता था कि अगर मैं फिल्म सिटी में इस तरह घूमता रहूंगा तो किसी न किसी एक डायरेक्टर या एक प्रोड्यूसर मुझे देखेगा और मुझे अपने प्रोजेक्ट में ले लेगा, लेकिन ऐसा कुछ कभी नहीं हुआ. यह सिर्फ मेरे माता-पिता के आशीर्वाद के वजह से है कि मैं यहां हूं. " सूद ने साल 1999 में तमिल मूवी 'कल्लाझगर' से अपने मूवी करियर की शुरूआत की थी.
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