बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने कथित अवैध निर्माण से संबंधित केस में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। सोनू सूद ने बॉम्बे उच्च न्यायालय के निर्णय को चुनौती दी है। बता दें कि अवैध निर्माण के केस में बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सोनू सूद को किसी प्रकार की राहत देने से मना किया है। सोनू सूद MRTP एक्ट के तहत दिए गए नोटिस पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय गए हैं।
आपको बता दें कि जुहू में स्थित एक 6 मंजिला आवासीय इमारत को होटल में परिवर्तित करने पर बीएमसी ने सोनू सूद को नोटिस भेजा है। आरोप है कि सोनू सूद ने बगैर अनुमति इस आवासीय परिसर को होटल में परिवर्तित कर दिया। कानून के इस कथित उल्लंघन के लिए बीएमसी ने MRTP एक्ट के तहत सोनू सूद को नोटिस भेजा है। वही अधिवक्ता उज्ज्वल आनंद, डी कुमान्न के माध्यम से दायर याचिका में सोनू सूद ने कहा कि उनके बंगले में निर्माण की आंशिक अनुमति बीएमसी कमिश्नर ने दी थी।
वही अब इस केस में उन्हें मुंबई कोस्टल रेगुलेशन जोन अथॉरिटी से मंजूरी मिलने की प्रतीक्षा है। सोनू सूद ने अपनी याचिका में दलील दी है कि चूंकि इस केस में उन्हें आंशिक मंजूरी प्राप्त हो चुकी है कि इसलिए नोटिस नहीं जारी किया जाना चाहिए था। इससे पूर्व उच्च न्यायालय ने सोनू सूद की इस दलील को खारिज कर दिया था। बता दें कि बीएमसी की ओर से तब बॉम्बे उच्च न्यायालय में दलील दी गई है कि अभिनेता अवैध निर्माण के केस में निरंतर नियम तोड़ते (हैबिचुअल ऑफेंडर) रहे हैं।
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