जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में हो रही श्रीराम कथा में जगतगुरु रामभद्राचार्य ने धारा 370 और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही पीओके भारत का हिस्सा बनेगा। उनका मानना है कि धारा 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में शांति और विकास आया है।
जगतगुरु ने कहा कि वे एक विशेष यज्ञ कर रहे हैं, जैसे विश्वामित्र ने राजा दशरथ से राम और लक्ष्मण को मांगा था। लेकिन, वे राम-लक्ष्मण की जगह भारतवासियों का मन चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस कुंभ में भारतवासियों को एकजुट होकर कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे पीओके वापस भारत में शामिल हो जाए। साथ ही, उन्होंने उम्मीद जताई कि हनुमान जी की कृपा से पाकिस्तान का नाम दुनिया के नक्शे से मिट सकता है।
उन्होंने कहा कि देश की चिंता एक संत ही कर सकता है, जबकि पारिवारिक व्यक्ति राष्ट्र का सही से चिंतन नहीं कर पाता। गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए, उन्होंने कहा कि भारत को एक परिवार विशेष की पकड़ से मुक्त करना जरूरी है। उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम लिए बिना कहा कि कश्मीर का विभाजन नेहरू के कारण हुआ, जिससे आधा कश्मीर पाकिस्तान को चला गया, और जो बचा उसमें धारा 370 लगा दी गई।
ज्योति पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि उनका धारा 370 बहाल करने का बयान दुखदायक है और इस पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में शायद ही कोई व्यक्ति हो जो चाहता हो कि धारा 370 फिर से कश्मीर में लागू हो। जगतगुरु ने धारा 370 के हटने के फायदे भी बताए, जैसे कि अब कश्मीर में ‘वंदे मातरम’ कहना संभव है और बाहर के लोग वहां जमीन भी खरीद सकते हैं। उन्होंने दोहराया कि आने वाले समय में पीओके भारत का हिस्सा बनेगा, और उन्होंने यह भी कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान का नाम दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा।
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