अगर आप दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल या बीएस-4 डीजल कार चला रहे हैं, तो आपको अब इन्हें छोड़ने की जरूरत है। परिवहन विभाग ने घोषणा की है कि वह जल्द ही इन कारों पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है। जैसे ही ग्रैप-3 के नियम लागू होंगे, इन चार पहिया वाहनों पर रोक लग जाएगी।
जुर्माना और वाहन की संख्या
अगर किसी भी बीएस-3 या बीएस-4 वाहन को सड़क पर चलते हुए पाया गया, तो वाहन मालिक को 20 हजार रुपये का जुर्माना भुकतान करना होगा। दिल्ली में वर्तमान में 2 लाख 7 हजार 38 पेट्रोल वाहन और 3 लाख 9 हजार 225 डीजल बीएस-4 वाहन चल रहे हैं। यह संख्या चिंताजनक है और वायु प्रदूषण को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
परिवहन विभाग की तैयारी
वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए परिवहन विभाग ने 114 टीमें बनाई हैं। ये टीमें पॉल्यूशन फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगी। इस बीच, राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता आयोग ने दिल्ली और NCR में इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों को बढ़ावा देने का भी निर्देश दिया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आपातकालीन सेवाओं के लिए उपयोग होने वाले वाहनों और सरकारी कामों में लगे वाहनों पर इस प्रतिबंध का असर नहीं पड़ेगा।
भारत स्टेज (BS) क्या है?
भारत स्टेज (Bharat Stage) की शुरुआत वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए की गई थी। इसे वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा लाया गया था। भारत स्टेज उत्सर्जन मानक यूरोपीय मानकों पर आधारित हैं। इन मानकों के लागू होने से ईंधन में सल्फर सामग्री, नाइट्रोजन ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन और पार्टिकुलेट मैटर की मात्रा में कमी आई है।
प्रदूषण मानक का महत्व
बीएस-4 मानक वाले पेट्रोल इंजन से निकलने वाले प्रदूषण में 1.0 g/km कार्बन मोनोऑक्साइड, 0.18 g/km हाइड्रोकार्बन और 0.025 g/km सांस लेने योग्य सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर शामिल हैं। ये मानक बताते हैं कि वाहनों से कितना प्रदूषण हो रहा है। सरकार इन मानकों के जरिए यह पता लगाती है कि इंजन से निकलने वाले धुएं से कितनी हानि हो रही है।
क्या करें?
अगर आपके पास बीएस-3 या बीएस-4 कार है, तो बेहतर होगा कि आप इन्हें छोड़कर नए मानकों की कार खरीदने पर विचार करें। इलेक्ट्रिक या सीएनजी वाहनों की तरफ बढ़ना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। प्रदूषण को कम करने में आपकी छोटी सी कोशिश भी बड़ी मदद कर सकती है।
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