स्थानीय नीति पर झामुमो के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने लगातार दूसरे दिन बयान देेकर इस मुद्दे को गरम कर दिया है. उनके बयानों को साफतौर राजनीतिक मामलों से जोड़कर देखा जा रहा है. अपने बयान में उन्होंने कहा कि स्थानीय नीति के लिए कट ऑफ डेट 1932 ही किया जाना चाहिए. यकीन है कि हेमंत सरकार नई स्थानीय नीति जल्द लागू करेगी. दिल्ली से रांची लौटने के बाद इस मसले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन हमारे नेता ही नहीं, बल्कि बहुत सम्मानीय हैैं.उन्होंने किस संदर्भ में अपनी बातें रखी हैैं, उसे देखकर स्थिति को स्पष्ट करेंगे. फिलहाल मैंने इसका अध्ययन नहीं किया है. वहीं, इस मसले पर भाजपा हमलावर हो गई है. उसने पूछा है कि सरकार इस मसले पर जल्द अपना पक्ष स्पष्ट करे. कांग्रेस ने इस मसले पर चुप्पी साध रखी है लेकिन इस बयान से वह असहज है इतना तय है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बुधवार को दुमका के खजुरिया आवास पर प्रेस से बात करते हुए शिबू ने कहा कि रघुवर सरकार ने स्थानीयता के लिए कट ऑफ डेट 1985 निर्धारित किया है, जो सही नहीं है. इसके कारण यहां के लोगों का अधिकार मारा गया. पलायन रोकने के लिए खतियान पर आधारित स्थानीय नीति होनी चाहिए. 1932 के आधार पर स्थानीय नीति लागू होगी तो जंगल झाड़ में रहने वाले आदिवासी और मूलवासी को झारखंड से पलायन नहीं करना होगा. उन्हें झारखंड में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरी मिल सकेगी. इससे पूर्व मंगलवार को धनबाद में उन्होंने स्थानीय नीति का मुद्दा उठाया था.
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अपने बयान में आगे शिबू सोरेन ने कहा कि मसानजोर डैम पर बंगाल ने जबरन कब्जा किया है. डैम हमारा है. पानी-बिजली का लाभ बंगाल के लोगों को हो रहा है. झारखंड सरकार इस पर चुप नहीं रहेगी. बंगाल के साथ बात होगी.
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