दादा, कलकत्ता के राजकुमार, महाराज, ऑफ साइड के भगवान जैसे नामों से पहचाने जाने वाले सौरव गांगुली ने क्रिकेट के मैदान से खूब नाम कमाया हैं और दुनियाभर में भारत का भी नाम रौशन किया है। क्रिकेट के मैदान को छोड़ने के सालों बाद भी वे आज क्रिकेट में अपना योगदान दे रहे हैं। इस समय वे भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त है। वे भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे महान कप्तानों में भी गिने जाते हैं। आइए एक नज़र डालते हैं गांगुली के क्रिकेट करियर पर।
सौरव गांगुली का टेस्ट करियर एक नज़र में
साल 2000 से 2005 तक भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी संभालने वाले गांगुली ने टेस्ट में साल 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में डेब्यू किया था। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच नवम्बर 06, 2008 को ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेला था। वे अंतिम टेस्ट में शून्य पर आउट हुए थे। 113 टेस्ट मैचों में 17 बार नाबाद रहते हुए गांगुली ने 7212 रन बनाए। टेस्ट में 35 अर्द्धशतक और 16 सेंचुरी जड़ने वाले गांगुली का उच्च स्कोर 239 रहा है।
सौरव गांगुली का वनडे करियर एक नजर में
सौरव के वनडे क्रिकेट पर नजर डालें तो टेस्ट में डेब्यू करने के 5 साल पहले यानी कि साल 1991 में उन्होंने अपना एकदिवसीय डेब्यू किया था। वनडे में 72 अर्द्धशतक और 22 सेंचुरी लगाने वाले गांगुली के नाम 11363 रन दर्ज है। वे 311 वनडे मैचों में कुल 21 बार नाबाद रहे हैं। वनडे में उनकी सबसे बड़ी पारी 183 रनों की थी।
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