सोल : अंततः दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्यून हेई को उनके पद से हटा दिया गया है. उन पर भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग करने के आरोप थे. ग्यून पर भ्रष्टाचार के मामले ने तूल पकड़ लिया था. उनके विरोध में लाखों लोग सड़क पर उतरकर राष्ट्रपति से इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
बता दें कि पद से हटाए जाने के साथ ही पार्क ग्यून दक्षिण कोरिया की पहली ऐसी राष्ट्रपति बन गई हैं, जो लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर इस पद पर पहुंचीं तो जरूर थी लेकिन जन विरोध ने उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया. इस बारे में सूत्रों ने बताया कि पार्क ग्यून पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की नवंबर से जारी पूछताछ और जांच के सिलसिले में राष्ट्रपति ने मानवाधिकार आयोग की स्थाई समिति के एक पूर्व सदस्य और अधिवक्ता यू योंग हा को अपना कानूनी प्रतिनिधि नियुक्त किया था.
उल्लेखनीय है कि उनके खिलाफ विरोध इतना तीव्र था कि इस संबंध में कई गिरफ्तारियां की गई थी. गिरफ्तार हुए लोगों में राष्ट्रपति की सहेली और उनकी बेटी सहित राष्ट्रपति भवन से जुड़े कई लोग शामिल थे. इस मामले की जांच के दौरान कई व्यापारियों से भी पूछताछ की जा चुकी है. सूत्रों केअनुसार पार्क के इस्तीफे की मांग को लेकर मध्य सियोल में करीब दो लाख बीस हजार लोग एकत्रित हुए थे.
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