लखनऊ। उत्तरप्रदेश में वर्ष 2017 के प्रारंभ में चुनाव होने की संभावना है। ऐसे में विभिन्न दलों द्वारा अपना चुनाव प्रचार तेज़ कर दिया गया है। हालात ये रहे कि यूपी के नेता और जनप्रतिनिधि दीपावली पर भी लोगों से मिलने में व्यस्त रहे। इसी बीच राज्य में यह माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के बीच दो फाड़ होने का लाभ अन्य दलों को मिलेगा। ऐसे में भाजपा के मजबूत होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
विशेषज्ञों द्वारा इस मामले में कहा गया है कि कांग्रेस और सपा अपनी - अपनी कमजोरियों और वोट बैंक बिखरने के कारण एक साथ हो सकती है। हालांकि सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अमर सिंह को पसंद नहीं करते हैं और सपा के साथ कांग्रेस का गठजोड़ अमर सिंह के रहते आसानी से हो सकता है।
कहा जा रहा है कि अखिलेश अपना वर्चस्व कम होने से आशंकित हैं। गौरतलब है कि राज्य विधानसभा में 403 सीटों पर सपा 229 पर है और कांग्रेस 29 पर है। मगर सपा में टूट से सपा की परेशानी बढ़ सकती है ऐसे में माना जा रहा है कि सपा और कांग्रेस दोनों साथ आ सकते हैं और भाजपा के खिलाफ अपनी सत्ता को काबिज करने का प्रयास कर सकते हैं।