लखनऊ: बीते कुछ समय से उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल काफी बढ़ गई है. वही इस बीच श्रावस्ती में इकौना जनपद के गिलौला थाना में पुलिस अभिरक्षा में हुई व्यक्ति की मृत्यु के केस में पीड़ित परिजनों से भेंट करने दर्जी पुरवा जा रहे है. वही सपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के राज्य अध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ राजपाल कश्यप को श्रावस्ती पुलिस ने पीड़ित के गांव से बीस किमी पूर्व हीं इकौना तहसील के समीप इकौना तिराहे पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया.
वही डॉ राजपाल कश्यप को रोकने के लिए एडिशनल कलेक्टर योगानन्द पाण्डेय, अपर पुलिस अधीक्षक बीसी दूबे, डिप्टी कलेक्टर इकौना राजेश कुमार मिश्रा सहित अत्यधिक संख्या में पुलिस एवं पीएसी के सैनिक मुस्तैद रहे. डॉ राजपाल कश्यप के इकौना तिराहे पर पहुंचते हीं पुलिस सैनिकों ने उनके वाहन को रोक लिया, तथा वापस जाने का दबाव बनाने लगे. किन्तु राजपाल कश्यप पीड़ित के गांव जाने की जिद पर अटल रहे. जिसको लेकर राजपाल कश्यप और समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं का पुलिस से बहुत समय तक बहस होती रही.
साथ ही पुलिस के कार्यशैली से दुखी सपाइयों ने पुलिस और गवर्मेंट के विरुद्ध नारेबाजी आरम्भ कर दी. इस दौरान करीब आधे घण्टे तक पुलिस एवं समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं के मध्य झड़प होती रही. बहुत मेहनत के पश्चात् भी जब राजपाल कश्यप आगे नहीं बढ़ सके, तो पुलिस और गवर्मेंट के तानाशाही व्यवहार के विरुद्ध वहीं पर धरने पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे. जिसके पश्चात् पुलिस उन्हें जबरदस्ती हिरासत में लेकर जिला मुख्यालय स्थित पुलिस लाइन भिनगा लेकर चली गयी. इसी के साथ मामले की जांच जारी है.
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