सपा विधायक ने ही फुस्स कर दिया अखिलेश यादव का दावा, जानिए पूरा मामला

सपा विधायक ने ही फुस्स कर दिया अखिलेश यादव का दावा, जानिए पूरा मामला
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने हाल ही में लोकसभा में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि भले ही उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीत ले, फिर भी वह ईवीएम पर भरोसा नहीं करेंगे। अखिलेश यादव ने संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान यह बयान दिया, और स्पष्ट किया कि उनका विश्वास अभी भी ईवीएम पर नहीं है। उन्होंने कहा, "अगर हम यूपी की 80 सीटें भी जीत लें, तो भी मैं ईवीएम पर भरोसा नहीं करूंगा। यह मुद्दा तब तक हल नहीं होगा, जब तक ईवीएम का उपयोग बंद नहीं हो जाता।"

इस बयान के विपरीत, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सफलता प्राप्त करने वाले सपा के विधायक रईस शेख ने ईवीएम और चुनाव आयोग को लेकर एक अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने चुनाव आयोग को पूरी तरह निष्पक्ष बताया और ईवीएम में किसी भी तरह की गड़बड़ी को सिरे से खारिज किया। रईस शेख ने भिवंडी पूर्व विधानसभा सीट से 52,015 मतों के अंतर से जीत हासिल की, जो इस साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चुने गए 10 मुस्लिम विधायकों में सबसे बड़ी जीत थी। भिवंडी पूर्व में 51% मुस्लिम मतदाता हैं, और शेख ने कुल 62% मत प्राप्त किए। उन्होंने अपनी जीत को अपने काम का परिणाम बताया और कहा कि लोगों ने दिखा दिया कि "काम बोलता है"। शेख ने यह भी कहा कि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी थे, और इसके लिए वह पुलिस प्रशासन और चुनाव आयोग के आभारी हैं।

इस तरह, रईस शेख ने जहां चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता की सराहना की और चुनाव आयोग के काम को सही ठहराया, वहीं अखिलेश यादव ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। इससे यह स्पष्ट होता है कि समाजवादी पार्टी के भीतर ईवीएम के मुद्दे पर राय अलग-अलग हैं। जबकि शेख ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को सराहा, अखिलेश यादव ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरे के रूप में देखा और इसे खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

यह स्थिति 2024 के लोकसभा चुनावों के करीब आते हुए, ईवीएम और चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता को लेकर विपक्ष के बीच बढ़ती चिंताओं और सवालों को दर्शाती है। विपक्ष ने बैलट पेपर के माध्यम से हर वोट के क्रॉस-चेक की मांग की है, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम की सुरक्षा को लेकर उठाए गए सवालों को खारिज करते हुए इसे सुरक्षित और विश्वसनीय बताया।

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