इंदौर: यूपी के पूर्व सीएम एवं सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, "यूपी के पश्चात् मध्य प्रदेश में हमारा संगठन मजबूत है तथा यहां हम आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।" ध्यान हो कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव इस वर्ष के आखिर में होने हैं।
दलितों एवं आदिवासियों पर केंद्रित विभिन्न दलों की सियासत के बारे में उन्होंने कहा कि सवाल दलितों एवं आदिवासियों का नहीं है, सवाल यह है कि संविधान बचेगा या नहीं। लोकतंत्र में मतदान का कानून रहेगा या नहीं? उन्होंने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि आज सरकार एक कानून बना रही है जिससे सब कुछ निजी हाथों में चला जाए।" उन्होंने कहा, "यदि यह निजी हाथों में चला गया तो बाबासाहेब अंबेडकर एवं मंडल आयोग की सिफारिशों का क्या होगा? भाजपा झूठे सपने दिखा रही है। क्या आज बेरोजगारी पर बात नहीं होनी चाहिए?" उन्होंने कहा कि मैं मध्य प्रदेश के बारे में नहीं जानता, मगर आईटीसी एवं अन्य निजी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश से गेहूं खरीदा है। अब जब लोग आटा खरीदने जाएंगे, तो इन कंपनियों को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि किसान को धोखा दिया जा रहा है। सपा के विपक्षी महागठबंधन में सम्मिलित होने के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा, "यह सवाल बड़ा है। (इस गठबंधन को) नाम क्या दे रहे हैं आप। मगर मैं जानता हूं कि यूपी की जनता बीजेपी को सत्ता से हटाएगी।" आगे उन्होंने कहा कि देश की जनता अब सत्ता में परिवर्तन चाहती है। ध्यान हो कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एवं राहुल गांधी से बुधवार को हुयी मुलाकात के एक दिन बाद अखिलेश का यह बयान आया है।
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