कैटेलोनिया। स्पेन के पूर्वोत्तर क्षेत्र के कैटेलोनिया में सरकार के प्रति विद्रोह का दौर है। यहां स्पेन से अलग होकर कैटेलोनिया को अस्तित्व देने की मांग विद्रोहियों द्वारा की जाती रही है। मगर स्वतंत्रता आंदोलन के नेता ने 1 अक्टूबर के जनमत संग्रह को लेकर स्वाधीनता की घोषणा करने हेतु वह स्वयं को बाध्य पाती है, दूसरी ओर स्पेन की सरकार विरोधियों के पक्ष में नहीं है।
उसका कहना है कि यदि कैटेलोनिया को स्वतंत्र अस्तित्व प्रदान किया गया तो फिर अन्य 16 क्षेत्रों में भी इस तरह की मांग उठ सकती है। सरकार ने कैटलान संसद के अधिवेशन को प्रतिबंधित कर दिया है। जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल सक्रिय हो गई हैं और उन्होंने स्पेन के प्रधानमंत्री मारियानो राजाये की सत्ता के प्रति समर्थन व्यक्त करने की बात की। मैडिड सरकार ने जनमत संग्रह को भी असंगत बताते हुए इसे गैर कानूनी बताया है। प्रधानमंत्री रजाय को निर्देश दिया गया है कि वे सैन्य पुलिस को क्षेत्र से हटाऐं।
मिली जानकारी के अनुसार 1975 में जब उनका देहांत हुआ तो स्पेन में पहली बार लोकतंत्र की शुरुआत हुई और चूंकि कैटेलोनिया को काफी हद तक स्वराज्य के अधिकार की उम्मीद दिलाई गई, इसलिए लोगों ने स्वतंत्रता की मांग को ज्यादा नहीं उठाया।
परंतु उनकी शिकायतें केंद्र सरकार के प्रति हमेशा बनी रहीं। मोटे तौर पर कैटेलोनिया स्पेन की समृद्धि का उत्प्रेरक माना जाता है। स्पेन की समृद्धि में 25 फीसद निर्यात, 21 प्रतिशत राजस्व और 20 प्रतिशत आर्थिक स्नोत की कैटेलोनिया हिस्सेदार रहा है, जबकि उसकी जनसंख्या केवल 16 प्रतिशत है। शोषण की यह चेतना पिछले एक दशक में इसलिए पनपी क्योंकि 2007 से शुरू वैश्विक मंदी के चलते कैटेलोनिया के लोगों को लगा कि उनके संसाधनों का स्पेन सरकार तेजी से इस्तेमाल कर रही है, जबकि उसके एवज में वह कैटेलोनिया में उतना निवेश नहीं कर रही है। सरकार चाहती है कि कैटेलोनिया को पृथक करने के आंदोलन के कारण हालात हिंसक न हो जाऐं। यदि ऐसा होता है तो स्पेन में स्थिति खराब हो सकती है।
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