राजस्थान में चल रही राजनीतिक खिचतान के बीच बड़ी न्यूज सामने आ रही है. इस पूरे मामले में सचिन पायलट खेमे को उच्च न्यायालय से मिली फौरी राहत के विरूध्द अब विधानसभा स्पीकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. बुधवार को स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने जयपुर में मीडिया को बताया कि वह हाईकोर्ट में मौजूदा सुनवाई प्रक्रिया पर रोक के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे. स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने बताया दोनों कॉन्स्टिट्यूशनल ऑथोरिटी में टकराव न हो, जिसके लिए उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर करने का निर्णय किया है. वही, राजस्थान उच्च न्यायालय ने पायलट खेमे को फौरी राहत देते हुए, विधानसभा अध्यक्ष को चौबीस जुलाई तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही पर पाबंदी लगा दी है.
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डॉ. जोशी ने मीडिया को बताया कि संसदीय लोकतंत्र के लिए खास सब्जेक्ट पर ध्यान आकृष्ट करने के लिए आया हूं. संसदीय प्रणाली में सबका रोल तय है. आया राम गया राम संस्कृति रोकने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 1992 में निर्देश दिए थे, जिसमें दलबदल के तहत अयोग्य ठहराने का हक स्पीकर को मिला हुआ है.
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बता दे कि इस प्रक्रिया के मध्य में किसी को हस्तक्षेप करने का हक नहीं है. साल 1992 में सर्वोच्च अदालत की संवैधानिक पीठ ने साफ कर दिया था, कि दलबदल कानून के तहत अयोग्य ठहराने का हक स्पीकर को है. इसलिए निर्णय करने से पहले हस्तक्षेप नहीं हो सकता. किन्तु, इस स्टेज पर निर्णय से पहले ही हमारे साथी चुनौती देना चाहते हैं. वही, डॉ. जोशी ने बताया कि इस चरण पर हस्तक्षेप करना संसदीय लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है. स्पीकर की भूमिका बिल्कुल साफ है. अदालत ने जो भी जजमेंट दिया, उसका मैं सम्मान करता हूं. किन्तु, इसका मतलब यह नहीं है कि अतिक्रमण होने दिया जाना चाहिए.
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