लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा बीते दिनों महिलाओं में सुरक्षा की भावना को बढ़ाने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी मिशन शक्ति की शुरुआत हो चुकी है। जी दरअसल इस मिशन की शुरुआत करते वक्त ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह साफ कर दिया था कि, 'मुख्य सचिव कार्यालय के साथ ही सीएम कार्यालय इस मिशन पर नजर रखेगा। इस मिशन को औपचारिकता नहीं रह जाना है। लेकिन हफ्ते भर के अंदर मिशन शक्ति को लेकर अधिकारियों की लापरवाही और शिथिलता उजागर होने लगी है।'
जी दरअसल इस मामले में में प्रदेश के अभियोजन विभाग ने गृह विभाग को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है और ऐसा होने से अफरा तफरी मच गई है। एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि सीएम योगी के 'मिशन शक्ति' में 22 जिले रुचि नहीं ले रहे हैं। जी दरअसल यह मिशन शक्ति महिला संबंधी अपराध में आरोपियों को सजा दिलाने वाला है इसमें यह 22 जिले पीछे हैं। इन जिलों के नाम नोएडा, प्रयागराज, झांसी, गोंडा, अलीगढ़, बहराइच, रायबरेली, बलरामपुर समेत 22 जिले शामिल हैं। बताया जा रहा है इन जिलों के कारण पूरे प्रदेश में मिशन शक्ति की कोशिशें कमजोर पड़ रही हैं।
जी दरअसल उत्तर प्रदेश में बीते एक सप्ताह में मिशन शक्ति के तहत कई जिलों ने अच्छा प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है बीते 1 सप्ताह के अभियान में महिला, बालिकाओं संबंधी अपराध के 11 मामलों में 18 को फांसी मिली। वहीँ 296 शोहदे जिला बदर किए गए है और 86 आरोपियों को आजीवन कारावास की सज़ा हु मिल चुकी है। इसके अलावा 96 को 10 साल से अधिक की सजा दिलाई जा चुकी है। बताया जा रहा है करीब 600 शोहदों की ज़मानत तक खारिज हुई है और उन्हें जेल भेजा गया।
नेहा-रोहनप्रीत को कपिल शर्मा ने दी शादी की बधाई, सिंगर ने कुछ इस अंदाज में दिया रिप्लाई
राजस्थान में जल्द अनिवार्य होगा मास्क पहनना, बिना पटाखों के मनेगी दिवाली
2022 में होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव में लड़ेगी एनसीपी: प्रफुल्ल पटेल